इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पुनर्गठन के
बाद 23 अप्रैल को दोपहर तीन बजे बोर्ड की पहली बैठक होने जा रही है। इसमें
लंबित पड़ी भर्ती परीक्षाओं से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते
हैं। प्रतियोगियों को भी इस बैठक का बेसब्री से इंतजार है। चयन बोर्ड में
प्रशिक्षित शिक्षक, प्रधानाचार्य और प्रवक्ता पद के लंबित मामलों का अंबार
लगा है।
चयन बोर्ड में वर्ष 2011 से लेकर 2016 तक के 12720 पदों पर
भर्ती के मामले लंबित पड़े हैं। इन पदाें के लिए साक्षात्कार या लिखित
परीक्षा प्रक्रिया पूरी न होने से बैकलॉग का दबाव बढ़ता जा रहा है। लंबित
मामलों में प्रधानाचार्य के 955 पदों के लिए उच्च न्यायालय का स्थगनादेश
है। इसमें कानपुर मंडल को छोड़कर बाकी सभी मंडलों के लिए साक्षात्कार
प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन पदों के लिए 27 जून 2011 को विज्ञापन
प्रकाशित हुआ था। इसी तरह 31 दिसंबर 2013 को विज्ञापित प्रधानाचार्य के 599
पदों के लिए साक्षात्कार होना है। वहीं, प्रशिक्षित स्नातक के 1479 पदों
के लिए 19 नवंबर 2011 को जारी हुए विज्ञापन के तहत हिंदी, संस्कृत एवं
विज्ञान विषय की लिखित परीक्षा का परिणाम तो जारी की दिया गया था लेकिन 11
विषयों का परिणाम अब तक घोषित नहीं हुआ है।
इसी तिथि पर जारी प्रवक्ता
के 393 पदों के लिए मनोविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, नागरिक शास्त्र, हिंदी,
वाणिज्य एवं इतिहास विषय की लिखित परीक्षा का परिणाम तो जारी किया गया,
लेकिन और शेष 15 विषयों का परिणाम घोषित नहीं हो सका है। वहीं, 5 जून 2016
को विज्ञापित प्रशिक्षित स्नातक के 7950 और प्रवक्ता के 1344 पदों के लिए
लिखित परीक्षा होनी है। इसके अलावा 30 जुलाई 2016 के बाद मिले अधियाचन में
प्रधानाचार्य के 905, प्रवक्ता के 363 और प्रशिक्षित स्नातक के 2533 पदों
पर भर्ती का मामला भी अधर में है। बैठक में इन तमाम मामलों में निर्णय लिए
जा सकते हैं।
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