[Order Analysis] टीईटी 2017 रिजल्ट revise केस, 68500 भर्ती का भविष्य अधर में (PART I) - AG

[Order Analysis] टेट 2017 रिजल्ट revise केस, 68500 भर्ती का भविष्य अधर में (PART I) - AG

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1) 03.04.2018 को लखनऊ में विक्रम नाथ और अब्दुल मोइन जी की बेंच द्वारा दिया आदेश अपलोड हुआ है। (SPLA 93/2018)
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*2) 06.03.2018 के SJ के आदेश के विरुद्ध सरकार और बाकी पार्टीज ने अपील दाखिल की थी। (SS 28222/17)*
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3) उस आदेश में 12.03.2018 को होने वाली परीक्षा को तब तक के लिए पोस्टपोन किया गया जब तक सचिव, ERA/PNP टेट 2017 का नया रिवाइज्ड रिजल्ट जारी नहीं कर देते।
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4) टेट 2017 के 14 प्रश्नों को डिलीट करने के बाद preferably एक माह में रिवाइज्ड रिजल्ट जारी करने का आदेश हुआ था।

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*5) इसमें सरकार रिजल्ट revise और परीक्षा पोस्टपोन से व्यथित होकर अपील लेकर गयी जबकि शिक्षामित्र और उनके बीटीसी साथी 14 डिलीट की बजाए, अवार्ड 14 बोनस मार्क्स टू आल को लेकर और अन्य प्रश्नों को लेकर कोर्ट गए।*
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6) सरकार की ओर से AG ने कहा कि सिंगल जज ने 2 गलतियां की-
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(i) वो खुद सब्जेक्ट एक्सपर्ट बन गए जो रणविजय सिंह (2018 SCC 357) के केस लॉ के हिसाब से गलत है।
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(ii) उन्होंने कोई स्वतंत्र तथ्य नहीं लिखवाए कि 14 प्रश्न क्यो गलत हैं और याची के वकीलों की दलीलों को ही सही मान लिया।
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*7) AG की दलीलों को काटने के लिए पुराने याची और अब प्रतिवादी(शिक्षामित्र और BTC) के सीनियर एडवोकेट जे एन माथुर जी ने कोर्ट को बताया कि 10 प्रश्न गलत है और साक्ष्य दिए।*
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8) रवींद्र कुमार द्विवेदी के वकील ने इन 10 प्रश्नों के अलावा बताया कि 6 प्रश्न और हैं जो गलत हैं।
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9) AG ने कॉउंटर किया कि इनके द्वारा याचिका जनवरी 2018 में टेट रिजल्ट डिक्लेअर होने के बाद फ़ाइल की गयी है इसलिए लोकस नहीं है, खारिज किया जाए।
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*10) अधिवक्ता पंडित चंद्रा ने बताया कि इन प्रश्नों पर पहले ही बाकि 64 प्रश्नों के साथ आपत्ति दर्ज की जा चुकी थी। जज ने AG का तर्क खारिज किया और इन 6 प्रश्नों को भी विवादित माना।*
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11) राम सरन मौर्य के अधिवक्ता त्रिपाठी ने 4 प्रश्न और गलत बताये। AG ने कहा कि इन प्रश्नों पर कभी आपत्ति दर्ज नहीं की गयी।
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*12) जज साहब ने AG का तर्क एक्सेप्ट किया और बोला कि कोई भी कभी भी अपनी सुविधा के अनुसार प्रश्नों को चैलेंज नहीं कर सकता। जब अवसर दिया था ऑथोरिटी ने तभी करना चाहिए थी। इसलिए SPLA 86/2018 के प्रश्नों की आपत्ति को खारिज किया गया।*
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(To be continued...)

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