अंतर जिला तबादलों में जिलों में 12 दिनों में 12 हजार शिक्षकों का भी पदस्थापन नहीं

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार भले ही विद्यालयों की व्यवस्था पटरी पर लाने को प्रयासरत हैं लेकिन, विभागीय अफसरों की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं है। अंतर जिला तबादलों में एक से दूसरे जिले में पहुंचे 12 हजार शिक्षकों का पदस्थापन 12 दिन में भी पूरा नहीं हो सका है। कई ऐसे जिले हैं, जहां अभी काउंसिलिंग तक नहीं हो सकी है।
अधिकांश जिलों में बंद व एकल स्कूलों को संचालित करने की जगह शिक्षकों को मनचाही तैनाती देने के लिए तरह-तरह की डिमांड हो रही है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के 11963 शिक्षकों का अंतर जिला तबादला आदेश 13 जून को हुआ। 15 जून को परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बीएसए को निर्देश दिया कि वह क्यूआर कोड जांचकर ही तबादले के लिए शिक्षकों कार्यमुक्त व ज्वाइन कराएं। सभी शिक्षकों को 28 जून तक स्थानांतरित जिले में पहुंचने का निर्देश हुआ। कहा गया कि इसके बाद जो शिक्षक स्थानांतरित नहीं होंगे उनका तबादला निरस्त हो जाएगा। बीएसए को निर्देश दिया कि वह दूसरे जिले से आए शिक्षकों का पदस्थापन तैनाती नियमावली 2008 व संशोधित 2010 के प्राविधान के तहत करें। यह कार्य सात जुलाई तक पूरा करें और दस जुलाई तक परिषद मुख्यालय को रिपोर्ट भेजे कि उनके जिले से कितने शिक्षक दूसरे जिले में गए और उनके यहां कितने शिक्षक आए और सभी को स्कूल आवंटन हो गया है। इस समय सीमा का अनुपालन सभी शिक्षकों ने किया लेकिन, दूसरे जिलों से आए शिक्षकों का अब तक अधिकांश जिलों में पदस्थापन नहीं हो सका है। कई जिलों में बीएसए ने अब काउंसिलिंग कराने का कार्यक्रम जारी किया है। यही नहीं जहां पर पदस्थापन चल रहा है, वहां भी मनमानी की कई शिकायतें हैं। अफसरों का निर्देश है कि दूसरे जिले से आए शिक्षकों को बंद व एकल शिक्षक वाले स्कूलों में तैनाती दी जाए लेकिन, जिलों में बीएसए का स्टॉफ शिक्षकों को सुविधायुक्त विद्यालय देने के लिए तरह तरह की डिमांड कर रहे हैं। इस प्रक्रिया से स्कूलों में पढ़ाई और अन्य कार्यक्रम मसलन, किताब व डेस वितरण आदि प्रभावित हो रहा है। पदस्थापन कार्य कब तक पूरा हो सकेगा, इस संबंध में कोई अफसर अंतिम समय सीमा तय नहीं कर पा रहा है।