इलाहाबाद : प्रदेश के चुनिंदा राजकीय इंटर कालेजों में कंप्यूटर शिक्षा
देने के लिए आखिरकार प्रवक्ताओं की नियुक्ति होने का रास्ता साफ हो गया है।
खास बात यह है कि इन कालेजों में कंप्यूटर शिक्षा की पढ़ाई 12 वर्ष बाद
शुरू हुई, जबकि पद सृजन 18 वर्ष बाद होने जा रहा है। यही नहीं पहले इन
कालेजों में संविदा पर शिक्षक रखे जाते थे और अब मानदेय पर प्रवक्ता तैनात
होंगे।
सूबे में 2001 में कंप्यूटर शिक्षा की शुरुआत हुई। उस समय कुछ राजकीय
विद्यालयों में यह पढ़ाई शुरू हुई। 2012 में आइसीटी योजना के तहत सभी
राजकीय विद्यालयों में कंप्यूटर विषय को लागू किया गया और वहां कंप्यूटर
लैब भी तैयार कराए गए। सभी कालेजों को 10-10 कंप्यूटर इस योजना के तहत दिए
गए और संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति करके अब तक कक्षाएं संचालित करायी जा
रही थीं। अप्रैल में राजकीय विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा का स्तर
सुधारने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों से प्रस्ताव मांगा गया।
उसी के तहत राजकीय इंटर कालेजों में कंप्यूटर प्रवक्ताओं की नियुक्ति का
प्रस्ताव भेजा गया। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. मंजू शर्मा ने कंप्यूटर
शिक्षा आज के समय की मांग है। इसी को ध्यान में रखकर कंप्यूटर प्रवक्ता
रखने का प्रस्ताव भेजा था। अब 61 बालक राजकीय इंटर कॉलेजों व 69 राजकीय
बालिका इंटर कालेजों में प्रवक्ताओं की तैनाती होगी।
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