लखनऊ : लाख प्रयास के बावजूद शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत बच्चों को
निजी स्कूल में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। दबंग स्कूलों के सामने शिक्षा
विभाग भी असहाय नजर आ रहा। यह हाल राजधानी लखनऊ में है, ऐसे में प्रदेश के
अन्य जनपदों में आरटीई के तहत दाखिले की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता
है।
1मंगलवार को शिक्षा भवन स्थित बीएसए कार्यालय में ऐसे ही मामले सामने
आए। राजाजीपुरम के देवेन्द्र सिंह का कहना था कि उनकी दो बच्चियों संजना
एवं अंशिका का नाम आरटीई के तहत राजाजीपुरम स्थित एक स्कूल में विभाग
द्वारा मुहैया कराई गई सूची के अनुसार होना है। बावजूद इसके स्कूल बच्चियों
को दाखिला नहीं दे रहे।1दूसरा मामला इंदिरा नगर के अनिल कुमार का है।
इन्होंने बताया कि उनकी बेटी आयुषी का नाम सेक्टर 14ए इंदिरा नगर स्थित एक
स्कूल में दाखिले के लिए चयनित हुआ है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि बीएसए
कार्यालय से उन्हें आरटीई के अंतर्गत दाखिला देने वाले बच्चों की सूची अभी
प्राप्त ही नहीं हुई। 1तीसरा मामला दुबग्गा के मो. फिरोज का है। उनका कहना
है कि उनके दो बच्चों मो. फजल एवं लाइबा बानो का दुबग्गा स्थित एक स्कूल
में नाम आने के बाद भी दाखिला नहीं दिया जा रहा है। चौथा मामला गणोशगंज की
मधु का है। उन्होंने बताया कि उनके बेटे शुभ एवं स्वास्तिक का नाम पास
स्थित एक स्कूल के लिए चयनित हुआ है, लेकिन स्कूल निशुल्क दाखिला नहीं दे
रहा। स्कूल का कहना है कि सामान्य बच्चों से 600 रुपये प्रति माह फीस ली
जाती है। बच्चों का दाखिला आरटीई के तहत करवाने के लिए 400 रुपये प्रति माह
फीस देने पर ही एडमिशन होगा।बोले जिम्मेदार1मामले पर जिला बेसिक शिक्षा
अधिकारी डॉ. अमर कांत सिंह का कहना है कि हर हाल में स्कूलों को दाखिला
लेना होगा। जिन स्कूलों की शिकायत मिली है, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
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