इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने प्रवक्ता व स्नातक
शिक्षक भर्ती 2016 के आठ विषयों का विज्ञापन गुरुवार को निरस्त किया है।
कहा किया गया कि ये विषय हाईस्कूल व इंटर के पाठ्यक्रम में नहीं है।
इस चयन
संस्था के दावे के उलट यहीं की दूसरी भर्ती संस्था उप्र लोकसेवा आयोग यानी
यूपी पीएससी उनमें से दो अहम विषयों का इम्तिहान इसी माह लेने जा रहा है।
खास बात यह है कि यूपी पीएससी भी यूपी बोर्ड के माध्यमिक कालेजों के लिए ही
चयन कर रहा है। दोनों में अंतर इतना है कि चयन बोर्ड ने अशासकीय कालेजों
में जो विषय अमान्य किए हैं, उन्हीं में से कुछ विषयों को यूपी पीएससी
मान्य करते हुए परीक्षा लेगा।
चयन बोर्ड के सचिव ने प्रशिक्षित स्नातक में जीव विज्ञान, संगीत, काष्ठ
शिल्प, पुस्तक कला, टंकण, आशुलिपिक टंकण और प्रवक्ता में वनस्पति विज्ञान व
संगीत के विषयों की भर्ती का विज्ञापन 2016 निरस्त कर दिया है। उन्होंने
यूपी बोर्ड सचिव के नौ जुलाई 2018 के पत्र का हवाला देकर कहा कि जब ये विषय
ही हाईस्कूल व इंटर में नहीं हैं तो उनकी भर्ती कराने का औचित्य नहीं है।
भले ही इन विषयों में कुछ का 2013 में चयन हो चुका है। उन्होंने कहा कि यदि
पहले गलतियां हुईं हैं तो जरूरी नहीं कि उसे दोहराया जाए। इस निर्णय से
करीब 69 हजार से अधिक दावेदार अधर में अटक गए हैं। ज्ञात हो कि चयन बोर्ड
उन अशासकीय माध्यमिक कालेजों के लिए शिक्षकों का चयन करता है, जो यूपी
बोर्ड से संचालित हैं।
वहीं, दूसरी ओर यूपी बोर्ड पाठ्यक्रम वाले राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड
यानी सहायक अध्यापक भर्ती 2018 के तहत 10768 पदों पर यूपी पीएससी भी चयन
करने जा रहा है। इसी माह 29 जुलाई को इसकी लिखित परीक्षा होना प्रस्तावित
है। खास बात यह है कि यूपी पीएससी ने जीव विज्ञान व संगीत के एलटी ग्रेड
शिक्षक चयन के लिए बाकायदे आवेदन लिए हैं। इस भर्ती के सभी पदों के लिए आठ
लाख आवेदन हो चुके हैं। सवाल यह है कि एक ही पाठ्यक्रम के अशासकीय व राजकीय
कालेजों में विषय शिक्षक तय करने में मानक अलग-अलग क्यों हैं। जो विषय
अशासकीय कालेजों में पढ़ाए नहीं जा रहे हैं, क्या वे राजकीय में पढ़ाए जाते
हैं? यदि नहीं तो माध्यमिक शिक्षा के अफसर अभ्यर्थियों की निगाह में
प्रदेश सरकार व भर्ती संस्थान का मखौल क्यों उड़वा रहे हैं। इस सवाल का
जवाब देने को कोई अफसर तैयार नहीं है कि आखिर एक ही पाठ्यक्रम के दो
कालेजों में शिक्षक चयन में दो तरह के नियम कैसे चल रहे हैं? ।
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