लखनऊ. पिछले काफी समय से उत्तर प्रदेश में
शिक्षामित्रों की एक समस्या का हल निकलने से पहले दूसरी समस्या सामने आ जा
रही है। एक तरफ तो जल्द ही शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हजार रुपये से
बढ़ाकर कम से कम 30 हजार रुपये प्रतिमाह करने की चर्चा जोरों पर है और
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित कमेटी जल्द ही इसपर बड़ी
खुशखबरी दे सकती है।
वहीं दूसरी तरफ यूपी सरकार की तरफ से ही शिक्षामित्रों
के लिए जारी शासनादेश अब विभाग के लिए मुसीबत बन रहा है। दरअसल बीती 19
जुलाई को शिक्षामित्रों को बड़ी राहत देते हुए यूपी की योगी आदित्यनाथ
सरकार ने अपने वर्तमान स्कूल में ही रहने या मूल स्कूल में वापस लौटने का
विकल्प दिया था। लेकिन सरकार का यही आदेश अब यूपी के तमाम जिलों में
शिक्षामित्रों और बेसिक शिक्षा विभाग के लिए परेशानी की वजह बन गया है।
सरकार ने जारी किया था शासनादेश
आपको बता दें कि बीती 19 जुलाई को योगी सरकार ने शिक्षामित्रों की मांग
को मानते हुए एक शासनादेश जारी किया था। जिसके मुताबिक जो शिक्षामित्र अपने
वर्तमान स्कूल में ही काम करना चाहता है, वह वहीं रहे। जबिक जो
शिक्षामित्र अपने मूल स्कूल में वापसी चाहते हैं, वह वहां लौट सकते हैं।
लेकिन सरकार का यही शासनादेश अब यूपी के कई जिलों में बड़ी परेशानी बन गया
है। वर्तमान स्कूल में बने रहने या अपने मूल स्कूल में वापसी के शासनादेश
के बाद अब प्रदेश के हजारों शिक्षामित्र अपनी तैनाती का इंतजार रहे हैं।
इनमें प्रदेश की महिला शिक्षामित्र भी शामिल हैं।
विभाग के सामने परेशानी
अब आपको बताते हैं कि सरकार के शासनादेश के बाद शिक्षामित्रों और बेसिक
शिक्षा विभाग के सामने परेशानी क्या आ रही है। दरअसल समायोजन के बाद जो
शिक्षामित्र सुविधाजनक स्कूलों में तैनात हो गए, वह अब वापस अपने मूल स्कूल
में आना नहीं चाहते। जबकि दूसरे शिक्षामित्र अपने उसी मूल स्कूल में वापस
आना चाहते हैं, क्योंकि समायोजन रद्द होने के बाद 10000 रुपए के मानदेय में
वह वहां कार्य करने में असमर्थता जता चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ ऐसी
विवाहित महिला शिक्षामित्र जो अपने ससुराल के पास वाले स्कूल में तैनाती
चाहती हैं, वहां पहले से कोई न कोई शिक्षामित्र तैनात है। पहले से तैनात कई
शिक्षामित्र अपने मूल स्कूल में वापस नहीं जाना चाहते। ऐसे में विवाहित
महिला शिक्षामित्रों की मांग अधूरी है। अब सरकार और विभाग सभी
शिक्षामित्रों की मंशा कैसे पूरी करे, यह बड़ी चिंता का विषय है। जिसको
लेकर कई जिलों के अधिकारियों ने शासन को पत्र लिखा है।
आदेश में संसोधन करे सरकार
वहीं इस आदेश के बाद परेशान शिक्षामित्रों का मानना है कि इस समस्या के
समाधान के लिए सरकार को अपने आदेश में संशोधन करना होगा। अगर सरकार
शिक्षामित्रों को केवल उनके मूल स्कूल में ही भेजने का आदेश करे तो जिलों
में इस समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा स्कूलों के छात्र शिक्षक
अनुपात के हिसाब किताब से शिक्षामित्रों को अलग रखा जाए। इसके अलावा
विवाहित महिला शिक्षामित्रों को उनके ससुराल के पास वाले स्कूल में तभी
तैलाती दी जाए जब वहां उनके लिए पद खाली हो। इसके अलावा अगर दावेदार ज्यादा
हों पहले दिव्यांग, गंभीर बीमारी और आखिरी में उम्र के हिसाब से तैनाती दी
जाए।
कोर्ट जाने की तैयारी में शिक्षक
वहीं पहले एक स्कूल में दो शिक्षामित्र तैनात रहते थे, लेकिन अब सरकार
के इस आदेश के बाद एक स्कूल में कई शिक्षामित्रों की तैनाती की संभावना
जताई जा रही है। इससे उस स्कूल के शिक्षक परेशान हैं, क्योंकि ऐसे में
छात्र और शिक्षक के अनुपात के हिसाब से उन्हें हटाने के निर्देश हैं। जिसके
चलते ऐसे स्कूलों के कई शिक्षक अब यह मामला कोर्ट ले जाने वाले हैं। उनका
कहना है कि आखिर उन्हें शिक्षामित्रों के चलते क्यों हटाया जा रहा है।
शिक्षामित्रों को छात्र औस शिक्षक के अनुपास से अलग रखा जाए।
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Breaking News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय की पहली किस्त अक्टूबर में, यह होगा सहायक अध्यापक व प्रधानाचार्य का मानदेय
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- UP 29334 Latest News - UPTET JRT 6th Merit list Cut off Final Selection List
- Shikshamitra Appointment: 2001 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष ही हुई थी
- जुलाई से वित्तविहीन शिक्षकों को मिलेगा मानदेय
- आश्रम पद्धति के स्कूल के शिक्षकों का वर्तमान वेतनमान/मानदेय
- पिछले 10 सालों से 322 शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन, सरकार से लगा रहे गुहार लेकिन फिर नहीं पगार
- 26 मई 1999 का शासनादेश: जिसमे अध्यापक के रिक्त पद के सापेक्ष शिक्षामित्रों की नियुक्ति पैरा टीचर के रूप में की गयी थी,देखें आदेश की प्रति