एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : एसटीएफ ने गोरखपुर के प्राथमिक विद्यालय के
प्रिंसिपल के दस्तावेज लगाकर सीतापुर में सहायक अध्यापक की नौकरी पाने वाले
को बुधवार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति वर्ष 2009 से फर्जी
दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहा था।
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने
बताया कि गिरफ्तार जालसाज की शिनाख्त संत कबीर नगर के शिवापार भटौली घनघटा
निवासी शत्रुघन के रूप में हुई है। एसएसपी के मुताबिक एसटीएफ को सूचना मिली
थी कि कुछ लोगों ने दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल कर बेसिक
शिक्षा विभाग में नौकरी पा ली है। एसटीएफ ने पड़ताल शुरू की तो पता चला कि
सीतापुर के सुपौली में प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक अनिल
यादव का मामला भी इसी तरह का है। एसटीएफ ने सीतापुर बीएसए कार्यालय जाकर
अनिल के बारे में जानकारी की और उसे पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया। अनिल अपने
सारे दस्तावेज लेकर वहां पहुंचा। एसटीएफ की पूछताछ में वह टूट गया और उसने
बताया कि उसका असली नाम शत्रुघन है और वह संत कबीर नगर का रहने वाला है।
शत्रुघन ने बताया कि उसे साहब राम तिवारी के जरिए गोरखपुर के कैम्पियरगंज
के धरमपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनिल यादव के शैक्षिक
प्रमाण पत्रों की फोटो कॉपी मिल गई थी। साहब राम तिवारी के कहने पर उसने
जीआरपी गोरखपुर में अनिल यादव बनकर प्रमाणपत्रों के खोने की गुमशुदगी दर्ज
करा दी। इसके बाद उस एफआईआर के आधार पर समाचार पत्रों में प्रमाण पत्रों के
खोने का विज्ञापन दे दिया। उस विज्ञापन और एफआईआर के जरिए उसने अनिल यादव
बनकर यूपी बोर्ड, गोरखपुर विश्वविद्यालय से प्रमाण पत्रों की सेकेंड कॉपी
निकलवा ली। इसके बाद जैसे ही सहायक अध्यापकों की भर्ती निकली उसने अनिल
यादव के प्रमाणपत्रों के साथ अपनी फोटो लगाकर आवेदन कर दिया। वर्ष 2009 में
उसकी नियुक्ति हो गई। शत्रुघन ने बताया कि उसने एमए तक की पढ़ाई की है।
हाई स्कूल व इंटर में उसके नंबर काफी कम थे। इसलिए उसने अनिल यादव के
प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल किया। अनिल कुमार यादव ने वर्ष 2007 में विशिष्ट
बीटीसी के जरिए बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी पाई थी।
भाई को भी दिलवाई नौकरी
शत्रुघन
ने साहब राम तिवारी के जरिए ही अपने भाई रामानन्द को भी शिक्षा विभाग में
नौकरी दिलवाई है। उसका भाई अंबेडकरनगर में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत
है। एसटीएफ रामानन्द के बारे में भी पड़ताल कर रही है। शत्रुघन के पास से
एसटीएफ को दो मोबाइल फोन, 5000 रुपये, बाइक, गोरखपुर जीआरपी में दर्ज कराई
गई एफआईआर की मूलप्रति, समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापन की मूल प्रति और
सभी प्रमाण पत्रों की सेकेंड कॉपी बरामद हुई है। इससे पहले एसटीएफ ने
मथुरा में बड़े पैमाने पर हुए शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासा किया था।
जिसके बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ प्रभात कुमार ने वर्ष 2010 से
हुई सभी शिक्षक भर्तियों की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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