सीतापुर
में पकड़े गए फर्जी शिक्षक अनिल कुमार यादव का बड़ा भाई फर्जी
प्रधानाध्यापक निकला। वह नौ माह से दूसरे के नाम-पते पर टांडा के प्राथमिक
विद्यालय बैरमपुर में तैनात था।
अनिल की शिनाख्त पर शुक्रवार को एसटीएफ ने अंबेडकरनगर पुलिस की मदद से बैरमपुर प्राथमिक विद्यालय से आरोपी के बड़े भाई रामानंद को दबोच लिया। एसटीएफ लखनऊ से आए टीम प्रभारी बृजेंद्र शर्मा की तहरीर पर विभिन्न धाराओं में अकबरपुर कोतवाली में केस दर्ज किया गया है।
बीएसए अंबेडकरनगर के मुताबिक, एसटीएफ ने एक शिकायत पर बीते बृहस्पतिवार को सीतापुर में छापेमारी कर परिषदीय शिक्षक अनिल कुमार यादव को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में अनिल कुमार ने बताया कि उसका असली नाम शत्रुघ्न है। मैंने अनिल कुमार के डुप्लीकेट प्रपत्र निकलवाकर उसके नाम से नौकरी हासिल की थी।
पूछताछ में पकड़े गए आरोपी ने बताया कि उसका बड़ा भाई रामानंद अंबेडकरनगर में टांडा के प्राथमिक विद्यालय बैरमपुर में नौ माह से दूसरे के नाम-पते पर प्रधानाध्यापक की नौकरी कर रहा है। इसके बाद एसटीएफ ने शुक्रवार को रामनंद को दबोच लिया। उसके पास फर्जी दस्तावेज भी बरामद हो गए हैं जिनके आधार पर उसने नौकरी हासिल की थी। एसटीएफ की मानें तो रामनंद यहां दीपक कुमार सिंह के नाम से नौकरी कर रहा था।
दीपक के नाम से ही बनवा लिए आधार व पैन कार्ड
रामानंद ने बताया कि दीपक कुमार सिंह के प्रमाण पत्रों का प्रयोग कर उसने अध्यापक की नौकरी हासिल की थी। उसी के नाम से उसने आधार व पैन कार्ड भी बनवा लिए। अंबेडकरनगर में वर्ष 2009 में नंदापुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के तौर पर उसकी नियुक्ति हुई थी। वर्ष 2014 में प्रमोशन के बाद वह रामनगर विकास खंड में प्रधानाध्यापक के पद पर भेज दिया गया। वर्ष 2016 टांडा ब्लॉक के बैरमपुर में ही प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात था।
संतकबीरनगर में ही बना था फर्जी दस्तावेज
रामानंद ने एसटीएफ को बताया कि दीपक के नाम के प्रमाण पत्रों की फर्जी द्वितीय पत्र बनवाने का काम दोनों भाइयों ने खलीलाबाद कस्बे के साहब तिवारी के साथ मिलकर किया। बाद में पैन व आधार कार्ड भी अलग-अलग नाम से बनवा लिए गए।
बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू
बीएसए अतुल कुमार सिंह का कहना है कि एसटीएफ ने दूसरे के प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षक की नौकरी करने का मामला पकड़ा है। शिक्षक रामप्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उसकी बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
अनिल की शिनाख्त पर शुक्रवार को एसटीएफ ने अंबेडकरनगर पुलिस की मदद से बैरमपुर प्राथमिक विद्यालय से आरोपी के बड़े भाई रामानंद को दबोच लिया। एसटीएफ लखनऊ से आए टीम प्रभारी बृजेंद्र शर्मा की तहरीर पर विभिन्न धाराओं में अकबरपुर कोतवाली में केस दर्ज किया गया है।
बीएसए अंबेडकरनगर के मुताबिक, एसटीएफ ने एक शिकायत पर बीते बृहस्पतिवार को सीतापुर में छापेमारी कर परिषदीय शिक्षक अनिल कुमार यादव को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में अनिल कुमार ने बताया कि उसका असली नाम शत्रुघ्न है। मैंने अनिल कुमार के डुप्लीकेट प्रपत्र निकलवाकर उसके नाम से नौकरी हासिल की थी।
पूछताछ में पकड़े गए आरोपी ने बताया कि उसका बड़ा भाई रामानंद अंबेडकरनगर में टांडा के प्राथमिक विद्यालय बैरमपुर में नौ माह से दूसरे के नाम-पते पर प्रधानाध्यापक की नौकरी कर रहा है। इसके बाद एसटीएफ ने शुक्रवार को रामनंद को दबोच लिया। उसके पास फर्जी दस्तावेज भी बरामद हो गए हैं जिनके आधार पर उसने नौकरी हासिल की थी। एसटीएफ की मानें तो रामनंद यहां दीपक कुमार सिंह के नाम से नौकरी कर रहा था।
दीपक के नाम से ही बनवा लिए आधार व पैन कार्ड
रामानंद ने बताया कि दीपक कुमार सिंह के प्रमाण पत्रों का प्रयोग कर उसने अध्यापक की नौकरी हासिल की थी। उसी के नाम से उसने आधार व पैन कार्ड भी बनवा लिए। अंबेडकरनगर में वर्ष 2009 में नंदापुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के तौर पर उसकी नियुक्ति हुई थी। वर्ष 2014 में प्रमोशन के बाद वह रामनगर विकास खंड में प्रधानाध्यापक के पद पर भेज दिया गया। वर्ष 2016 टांडा ब्लॉक के बैरमपुर में ही प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात था।
संतकबीरनगर में ही बना था फर्जी दस्तावेज
रामानंद ने एसटीएफ को बताया कि दीपक के नाम के प्रमाण पत्रों की फर्जी द्वितीय पत्र बनवाने का काम दोनों भाइयों ने खलीलाबाद कस्बे के साहब तिवारी के साथ मिलकर किया। बाद में पैन व आधार कार्ड भी अलग-अलग नाम से बनवा लिए गए।
बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू
बीएसए अतुल कुमार सिंह का कहना है कि एसटीएफ ने दूसरे के प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षक की नौकरी करने का मामला पकड़ा है। शिक्षक रामप्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उसकी बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।