लखनऊ(जेएनएन)। ग्रामीण शिक्षकों के पद पर नियुक्ति का
झांसा देकर फर्जी कंपनी चलाने वाले जालसाजों ने 130 बेरोजगारों से 33 लाख
रुपये ऐंठ लिए। पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही
है। इंस्पेक्टर हजरतगंज राधा रमण सिंह ने बताया कि ललितपुर बसुंधरा
कॉलोनी सिविल लाइन निवासी देवराज कुशवाहा ठेकेदारी करते हैं। उनके मुताबिक
वर्ष 2016 में मित्र नौशाद ने उनकी मुलाकात बस्ती के मुंडेरवा मंडविलिया के
आदर्श राय से कराई थी। आदर्श राय ने उन्हें रत्नाकर उपाध्याय से मिलवाया।
रत्नाकर और आदर्श पार्क रोड पर मान्यवर काशीराम एजूकेशन ट्रस्ट के नाम
से कंपनी चलाते थे। इसके बाद उन्होंने रतन स्क्वायर में ऑफिस खोल दिया।
उन्होंने कहा कि वह कंपनी के जरिए भारत सरकार की योजना के तहत ग्र्रामीण
इलाकों में शिक्षित बेरोजगारों को ग्र्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक की नौकरी
दिलाएंगे। नौकरी के नाम पर प्रति व्यक्ति 20-20 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी
ली। जिसको तीन माह में वापस करने का भी दावा किया था। उन्होंने कंपनी की
फ्रेंचाइजी दी। क्योंकि फैजाबाद समेत कई जनपदों में उनकी कंपनी की
फ्रेंचाइजी चल रही थी। इस कारण विश्वास कर ले लिया। देवराज ने बताया कि
उन्होंने करीब 130 बेरोजगारों की नौकरी लगवाने के नाम पर आदर्श को 11 लाख
और रत्नाकर उपाध्याय को 22 लाख रुपये दिए।
तीन माह तक सबने की नौकरी, वेतन के लिए दी फर्जी चेक
देवराज ने बताया कि आदर्श राय और रत्नाकर उपाध्याय ने 130 लोगों को
नियुक्ति पत्र दिए। इसके बाद कहा कि ग्र्रामीण क्षेत्रों में स्कूल का
सेटअप तैयार कर गरीब बच्चों की पढ़ाई शुरू करवाओ इसके बाद रुपये दिए
जाएंगे। देवराज के मुताबिक मकान किराए पर लेकर उसने कई जनपदों के ग्र्रामीण
इलाकों में पूरा सेटअप तैयार कराया। लोगों ने तीन से चार माह तक पढ़ाया पर
उन्हें वेतन नहीं मिला। पांचवे माह में रत्नाकर और आदर्श ने वेतन ने नाम
पर एक 36, 28 और 15 लाख की चेक दी। उन्हें बैंक में लगाया गया तो वह बाउंस
हो गई। विरोध पर दोनों ने धमकी देनी शुरू कर दी। इसके बाद रत्नाकर के
खिलाफ ललितपुर में 22 लाख की धोखाधड़ी और आदर्श के खिलाफ हजरतगंज में 11
लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की जांच की
जा रही है।
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