मथुरा। खंड शिक्षाधिकारियों के दबाव में फर्जी शिक्षकों की ज्वाइनिंग कराई
गई थी। हेड मास्टर कहते रहे कि पहले सत्यापन करा लिया जाए लेकिन उन पर बार
बार दबाव बनाया गया। शिक्षक भर्ती घोटाले में जांच के दायरे में आए हेड
मास्टरों ने बीएसए को यह लिखित में दिया है।
प्रदेश में हुई 29 हजार शिक्षकों की भर्ती में मथुरा जिले में 250 शिक्षकों
की भर्ती हुई थी। इनमें 110 जाली शिक्षक पाए गए। इन सभी के फर्जी
ज्वाइनिंग लेटर बनाकर परिषदीय स्कूलों में तैनाती करा दी गई थी। एसटीएफ ने
जून माह में इसका खुलासा किया था। सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया
है। इन शिक्षकों की ज्वाइनिंग के लिए हेड मास्टरों को भी जिम्मेदार माना
गया था। बीएसए ने 80 हेडमास्टरों को निलंबित करके उन्हें आरोप पत्र भी दे
दिया था। इन हेडमास्टरों ने अब बीएसए को अपना पक्ष देना शुरू कर दिया है।
इन
लोगों ने कहा है कि उन्हें तो ज्वाइनिंग के लिए खंड शिक्षाधिकारियों ने
कहा था। उन पर लगातार दबाव बनाया गया, जबकि उन्होंने कई दफा यह भी कहा कि
प्रमाण पत्रों की पहले जांच हो जाए उसके बाद ज्वाइनिंग दी जाए। 16 हेड
मास्टरों ने इसी तरह से अपना पक्ष बीएसए को सौंपा है। हेड मास्टरों का कहना
है कि उन पर कार्रवाई गलत की जा रही है। इस पूरे मामले में उनका कोई दोष
नहीं है।
माफिया की संपत्ति जब्त करने की तैयारी
मथुरा। शिक्षक
भर्ती घोटाले में चार माफिया के नाम प्रकाश में आए हैं। इन सभी को जेल भेजा
जा चुका है। एसटीएफ ने जांच में कहा था कि इन लोगों ने शिक्षक भर्ती
घोटाले करके बड़ी रकम कमाई है। किसी ने कालेज खोल लिया है तो किसी ने बड़ा
कारोबार शुरू कर दिया है। अब इन सभी की संपत्ति जब्त करने की तैयारी की जा
रही है।