प्रयागराज : अशासकीय माध्यमिक कालेजों के लिए वर्ष 2016 की शिक्षक भर्ती
को लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। करीब 70 हजार अभ्यर्थी अब तक न
तो दूसरे विषयों में आवेदन कर पाए हैं और न ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन
बोर्ड उप्र लिखित परीक्षा की तारीख ही तय कर सका है। वहीं अन्य भर्ती आयोग
तेजी से प्रक्रिया आगे बढ़ा रहे हैं।
चयन बोर्ड जुलाई में 2016 विज्ञापन के आठ विषयों के पद निरस्त कर चुका है। उन अभ्यर्थियों से दूसरे विषयों में आवेदन करने को कहा गया। एक माह वेबसाइट चली लेकिन, चंद अभ्यर्थियों ने ही दावेदारी की है। इस मामले का हल खोजने की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपी गई। सचिव नीना श्रीवास्तव ने शासन को पिछले दिनों प्रस्ताव भी सौंप दिया है, जिससे लिखित परीक्षा का रास्ता साफ हो सके। अब तक शासन ने इस संबंध में चयन बोर्ड को कोई निर्देश नहीं दिया है। इसी कारण लिखित परीक्षा की तारीख पर असमंजस बना है। वहीं, जो अभ्यर्थी दूसरे विषयों में आवेदन नहीं कर सके हैं, वह भी परीक्षा में शामिल किए जाने को लेकर आशंकित हैं।
चयन बोर्ड में पिछले दिनों वर्ष 2011 के साक्षात्कार चल रहे थे। इसलिए वहां के अफसर भी अभ्यर्थियों से संवाद नहीं कर रहे थे। ज्ञात हो कि इंटरव्यू के दौरान सभी के मोबाइल व कार्यालय के दूरभाष नंबर सुबह से शाम तक बंद रहे। घोषित इंटरव्यू एक नवंबर को पूरे हो चुके हैं, चयन बोर्ड ने आगे अन्य विषयों का कार्यक्रम भी जारी नहीं किया गया है। इससे अभ्यर्थी परेशान हैं कि आगे वह तैयारी कैसे करें?
प्रधानाचार्यो के साक्षात्कार भी फंसे
अशासकीय कालेजों में प्रधानाचार्यो की कमी है। वर्ष 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती का प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन है, वहीं 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती में चयन बोर्ड आवेदनों का सत्यापन छह माह में नहीं कर सका है। प्रधानाचार्य के अभ्यर्थी कई बार अध्यक्ष व सचिव से मिलकर अल्टीमेटम दे चुके हैं, फिर भी अनसुनी जारी है।
चयन बोर्ड जुलाई में 2016 विज्ञापन के आठ विषयों के पद निरस्त कर चुका है। उन अभ्यर्थियों से दूसरे विषयों में आवेदन करने को कहा गया। एक माह वेबसाइट चली लेकिन, चंद अभ्यर्थियों ने ही दावेदारी की है। इस मामले का हल खोजने की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपी गई। सचिव नीना श्रीवास्तव ने शासन को पिछले दिनों प्रस्ताव भी सौंप दिया है, जिससे लिखित परीक्षा का रास्ता साफ हो सके। अब तक शासन ने इस संबंध में चयन बोर्ड को कोई निर्देश नहीं दिया है। इसी कारण लिखित परीक्षा की तारीख पर असमंजस बना है। वहीं, जो अभ्यर्थी दूसरे विषयों में आवेदन नहीं कर सके हैं, वह भी परीक्षा में शामिल किए जाने को लेकर आशंकित हैं।
चयन बोर्ड में पिछले दिनों वर्ष 2011 के साक्षात्कार चल रहे थे। इसलिए वहां के अफसर भी अभ्यर्थियों से संवाद नहीं कर रहे थे। ज्ञात हो कि इंटरव्यू के दौरान सभी के मोबाइल व कार्यालय के दूरभाष नंबर सुबह से शाम तक बंद रहे। घोषित इंटरव्यू एक नवंबर को पूरे हो चुके हैं, चयन बोर्ड ने आगे अन्य विषयों का कार्यक्रम भी जारी नहीं किया गया है। इससे अभ्यर्थी परेशान हैं कि आगे वह तैयारी कैसे करें?
प्रधानाचार्यो के साक्षात्कार भी फंसे
अशासकीय कालेजों में प्रधानाचार्यो की कमी है। वर्ष 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती का प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन है, वहीं 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती में चयन बोर्ड आवेदनों का सत्यापन छह माह में नहीं कर सका है। प्रधानाचार्य के अभ्यर्थी कई बार अध्यक्ष व सचिव से मिलकर अल्टीमेटम दे चुके हैं, फिर भी अनसुनी जारी है।