अंबेडकरनगर। यहां भी नटवरलाल सरीखे शिक्षकों की कमी नहीं है। फर्जी
मार्क्सशीट व जाति प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी हथियाने वाले 11 शिक्षक जहां
वर्ष 2014 में पकड़े गए, वहीं वर्ष 2018 में दूसरे के शैक्षिक कागजात व
अन्य प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी करता एक प्रधानाध्यापक एसटीएफ के हत्थे
चढ़ा था।
डीएम की संस्तुति पर जहां 11 शिक्षकों के विरुद्ध थानों में केस दर्ज कर बर्खास्त कर दिया गया था, वहीं दूसरे के नाम पर फर्जी ढंग से बने प्रधानाध्यापक के विरुद्ध अकबरपुर कोतवाली में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया था। उसके विरुद्ध रिकवरी की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक यदि गंभीरतापूर्वक जांच की जाए तो कई और शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी करते धरे जा सकते हैं।
फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों व अन्य प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने वाले
शिक्षकों की कमी यहां भी नहीं है। वर्ष 2014 में 74 हजार शिक्षकों की भर्ती
के तहत जिले के विभिन्न विद्यालयों में नई भर्ती हुई थी। तत्कालीन बीएसए,
डायट व विश्वविद्यालय की जांच रिपोर्ट से यह बिंदु सामने आया कि 11 शिक्षक
ऐसे हैं जो फर्जी कागजात के सहारे नौकरी कर रहे हैं। इनमें 10 शिक्षक ऐसे
पाए गए थे जिनके बीएड के शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी थे। एक शिक्षक ऐसा पाया
गया था जिसका जाति प्रमाणपत्र ही फर्जी था। तत्कालीन बीएसए ने इसकी रिपोर्ट
डीएम को सौंपी ती। डीएम की संस्तुति पर आरोपी शिक्षकों के विरुद्ध 30
अक्तूबर 2018 को थाने में केस दर्ज करा सभी को बर्खास्त कर दिया गया।
इसी तरह 18 अगस्त 2018 को एटीएफ ने प्राथमिक विद्यालय नंदापुर में छापा मारकर प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात दीपक कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उस पर आरोप था कि जो व्यक्ति दीपक कुमार सिंह के नाम पर नौकरी कर रहा है, उसका वास्तविक नाम बस्ती जनपद के रामप्रसाद उर्फ रामानंद है। एसटीएफ ने उसे अकबरपुर कोतवाली के हवाले कर दिया। बाद में एबीएसए की तहरीर पर उसके विरुद्ध विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया। धनराशि रिकवरी के लिए बीएसए ने एबीएसए की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच करने का निर्देश दिया। यह प्रक्रिया अभी जारी है। बीएसए कार्यालय के अनुुसार 12 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं जो संदेह के दायरे में हैं। उनकी जांच चल रही है। उधर सूत्रों की मानें तो जिले के विभिन्न विद्यालयों में 30 से अधिक शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे सफेदपोशों के संरक्षण में नौकरी कर रहे हैं।
ये 11 शिक्षक हुए बर्खास्त
रामनगर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय मंसूरगंज में तैनात हरिप्रसाद, महेशपुर मंडप में अरुण कुमार, रुकचंद्रपुर के अवधेश कुमार, ताहापुर के रामतीरथ, खजुरिया भरौटी के दुर्गाप्रसाद कन्नौजिया, बाहरपुर के मंतोराम, ककराहवा के विनोद कुमार, अमोला द्वितीय के रामरूद्र, जलालपुर विकास खंड के परकौलिया के सुरेश कुमार, मिसवा चितौना के जयप्रकाश व टांडा के सिकंदरपुर के विनोद कुमार शामिल रहे।
रिकवरी की चल रही कार्रवाई
दूसरे के नाम पर नौकरी करने वाले रामप्रसाद उर्फ रामानंद को जेल भेजा जा चुका है। बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद उसके विरुद्ध धनराशि रिकवरी की कार्रवाई चल रही है। वर्ष 2014 में भर्ती हुए जिन 11 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था, उनकी नई नियुक्ति थी। वेतन भुगतान नहीं हुआ था। उनके विरुद्ध संबंधित थाने में केस दर्ज कराया गया था। -अतुल कुमार सिंह, बीएसए
डीएम की संस्तुति पर जहां 11 शिक्षकों के विरुद्ध थानों में केस दर्ज कर बर्खास्त कर दिया गया था, वहीं दूसरे के नाम पर फर्जी ढंग से बने प्रधानाध्यापक के विरुद्ध अकबरपुर कोतवाली में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया था। उसके विरुद्ध रिकवरी की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक यदि गंभीरतापूर्वक जांच की जाए तो कई और शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी करते धरे जा सकते हैं।
इसी तरह 18 अगस्त 2018 को एटीएफ ने प्राथमिक विद्यालय नंदापुर में छापा मारकर प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात दीपक कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उस पर आरोप था कि जो व्यक्ति दीपक कुमार सिंह के नाम पर नौकरी कर रहा है, उसका वास्तविक नाम बस्ती जनपद के रामप्रसाद उर्फ रामानंद है। एसटीएफ ने उसे अकबरपुर कोतवाली के हवाले कर दिया। बाद में एबीएसए की तहरीर पर उसके विरुद्ध विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया। धनराशि रिकवरी के लिए बीएसए ने एबीएसए की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच करने का निर्देश दिया। यह प्रक्रिया अभी जारी है। बीएसए कार्यालय के अनुुसार 12 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं जो संदेह के दायरे में हैं। उनकी जांच चल रही है। उधर सूत्रों की मानें तो जिले के विभिन्न विद्यालयों में 30 से अधिक शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे सफेदपोशों के संरक्षण में नौकरी कर रहे हैं।
ये 11 शिक्षक हुए बर्खास्त
रामनगर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय मंसूरगंज में तैनात हरिप्रसाद, महेशपुर मंडप में अरुण कुमार, रुकचंद्रपुर के अवधेश कुमार, ताहापुर के रामतीरथ, खजुरिया भरौटी के दुर्गाप्रसाद कन्नौजिया, बाहरपुर के मंतोराम, ककराहवा के विनोद कुमार, अमोला द्वितीय के रामरूद्र, जलालपुर विकास खंड के परकौलिया के सुरेश कुमार, मिसवा चितौना के जयप्रकाश व टांडा के सिकंदरपुर के विनोद कुमार शामिल रहे।
रिकवरी की चल रही कार्रवाई
दूसरे के नाम पर नौकरी करने वाले रामप्रसाद उर्फ रामानंद को जेल भेजा जा चुका है। बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद उसके विरुद्ध धनराशि रिकवरी की कार्रवाई चल रही है। वर्ष 2014 में भर्ती हुए जिन 11 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था, उनकी नई नियुक्ति थी। वेतन भुगतान नहीं हुआ था। उनके विरुद्ध संबंधित थाने में केस दर्ज कराया गया था। -अतुल कुमार सिंह, बीएसए