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BIG NEWS शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कमेटी के सदस्यों को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

मथुरा। उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती घोटाले में दस्तावेजों की जांच कर रही कमेटी ही निशाने पर चढ़ गई । एसआईटी ने कमेटी के चेयरमैन डायट प्राचार्य सहित चार को घोटाले में दोषी माना है। घोटाले को सामने लाने में ही अब तक कमेटी चेयरमैन की ही भूमिका मानी जा रही है।

ये था मामला
विगत वर्ष मई में 12460 शिक्षक भर्ती हुए और फर्जी तरीके से दस्तावेजों में कई लोगों के नौकरी पाने का मामला सामने आया था। दस्तावेजों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी कमेटी के चेयरमैन डाइट प्राचार्य डॉ मुकेश अग्रवाल थे जबकि तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार तत्कालीन जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार फरह जीआईसी के प्रधानाचार्य नम्रता बतौर सदस्य शामिल थीं। जांच में करीब 33 अभ्यर्थी ऐसे मिले जो फर्जी दस्तावेजों से सहायक शिक्षक पद नौकरी पाने में सफल रहे। 12460 शिक्षक भर्ती घोटाले में मार्ट में तैनात दो भागों के नाम भी प्रकाश में आए थे। इन पर भी भ्रष्टाचार की धारा लगाई गई। दिसंबर में दोनों को जेल भेज दिया गया था। एक अन्य बाबू एसटीएफ की कार्रवाई में गिरफ्तार हो चुका है। तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार सिंह ने फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने के आरोप में 33 शिक्षक और पटल बाबू महेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर कराई थी। बाबू महेश शर्मा 29000 शिक्षक फर्जीड़े में भी आरोपी था। बाबू को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। शिक्षकों को ओवर रेस्टिंग स्टेट मिल गया था।

इन्हें भेजा गया जेल
एसआईटी की जांच में काफी धीमी गति देखने को मिल रही थी। लग रहा था कि यह घोटाला ठंडे बस्ते में चला जाएगा लेकिन दिसंबर में एसआईटी की जांच में गर्मी आई और मांट में तैनात बाबू बृजेश निवासी पुष्पांजलि और अनिल निवासी धर्मपुरा राया का नाम भी सामने आया। दोनों बाबू चयन समिति की सब कमेटी में शामिल थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को दिसंबर में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब तक इस घोटाले में सब कमेटी और बाबू भी जांच के घेरे में आ चुकी है

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