प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती की विसंगति दूर, नियमावली के परिशिष्ट में संशोधन कर सरकार ने चूक सुधारी, गुणांक निर्धारण के फॉमरूले में सभी मान्य शिक्षण प्रशिक्षण कोर्स शामिल
लखनऊ: प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए बीएड उपाधि को नियमावली में शामिल करने के बाद अब सरकार ने नियमावली के परिशिष्ट में भी संशोधन कर दिया है।
परिशिष्ट में संशोधन के जरिये सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए मान्य सभी शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को गुणांक निर्धारण के फॉमरूले में शामिल कर लिया गया है ताकि इसमें कोई विसंगति न रह जाए और शिक्षकों की नियुक्ति में कभी कोई कानूनी पेच फंसने की गुंजायश न रह जाए। इसके लिए कैबिनेट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 2019 में 25वें संशोधन को मंजूरी दे दी है।
प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए अभ्यर्थी का बीटीसी/विशिष्ट बीटीसी/उर्दू बीटीसी/डीएलएड/स्पेशल डीएड जैसे शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसके लिए नियमावली में भी प्रावधान किया जा चुका है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 28 जून, 2018 को अधिसूचना जारी कर जूनियर बेसिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति के लिए मान्यताप्राप्त संस्थान से शिक्षा स्नातक (बीएड) प्रशिक्षण को मान्यता दी है। इस प्रकार अध्यापक के रूप में नियुक्त व्यक्ति को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त होने पर दो वर्ष के भीतर एनसीटीई से मान्यताप्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करना अनिवार्य किया गया है। एनसीटीई की अधिसूचना के क्रम में राज्य सरकार ने फरवरी 2019 में नियमावली में संशोधन कर बीएड उपाधिधारकों को भी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के योग्य मान लिया है।
प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए मेरिट सूची तैयार करने की खातिर गुणांक निर्धारण का एक फॉमरूला तय है। नियमावली के परिशिष्ट में इस फॉमरूले का उल्लेख है। गुणांक निर्धारण में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में अभ्यर्थी द्वारा प्राप्तांक का 10 प्रतिशत जोड़ा जाता है। सरकार ने फरवरी 2019 में नियमावली में संशोधन कर बीएड प्रशिक्षण को प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए निर्धारित योग्यताओं में तो शामिल कर दिया था, लेकिन परिशिष्ट में दर्ज गुणांक निर्धारण के फॉमरूले में संशोधन करने से चूक गई थी। गुणांक निर्धारण के फॉमरूले में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सिर्फ बीटीसी प्रशिक्षण का ही उल्लेख था। अब नियमावली में 25वें संशोधन के जरिये इस फॉमरूले में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में बीटीसी/विशिषट बीटीसी/उर्दू बीटीसी/डीएलएड/सपेशल डीएड/बीएड को शामिल कर लिया गया है। यह संशोधन 28 जून, 2018 से लागू होगा।
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परिशिष्ट में संशोधन के जरिये सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए मान्य सभी शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को गुणांक निर्धारण के फॉमरूले में शामिल कर लिया गया है ताकि इसमें कोई विसंगति न रह जाए और शिक्षकों की नियुक्ति में कभी कोई कानूनी पेच फंसने की गुंजायश न रह जाए। इसके लिए कैबिनेट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 2019 में 25वें संशोधन को मंजूरी दे दी है।
प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए अभ्यर्थी का बीटीसी/विशिष्ट बीटीसी/उर्दू बीटीसी/डीएलएड/स्पेशल डीएड जैसे शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसके लिए नियमावली में भी प्रावधान किया जा चुका है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 28 जून, 2018 को अधिसूचना जारी कर जूनियर बेसिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति के लिए मान्यताप्राप्त संस्थान से शिक्षा स्नातक (बीएड) प्रशिक्षण को मान्यता दी है। इस प्रकार अध्यापक के रूप में नियुक्त व्यक्ति को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त होने पर दो वर्ष के भीतर एनसीटीई से मान्यताप्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करना अनिवार्य किया गया है। एनसीटीई की अधिसूचना के क्रम में राज्य सरकार ने फरवरी 2019 में नियमावली में संशोधन कर बीएड उपाधिधारकों को भी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के योग्य मान लिया है।
प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए मेरिट सूची तैयार करने की खातिर गुणांक निर्धारण का एक फॉमरूला तय है। नियमावली के परिशिष्ट में इस फॉमरूले का उल्लेख है। गुणांक निर्धारण में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में अभ्यर्थी द्वारा प्राप्तांक का 10 प्रतिशत जोड़ा जाता है। सरकार ने फरवरी 2019 में नियमावली में संशोधन कर बीएड प्रशिक्षण को प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए निर्धारित योग्यताओं में तो शामिल कर दिया था, लेकिन परिशिष्ट में दर्ज गुणांक निर्धारण के फॉमरूले में संशोधन करने से चूक गई थी। गुणांक निर्धारण के फॉमरूले में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सिर्फ बीटीसी प्रशिक्षण का ही उल्लेख था। अब नियमावली में 25वें संशोधन के जरिये इस फॉमरूले में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में बीटीसी/विशिषट बीटीसी/उर्दू बीटीसी/डीएलएड/सपेशल डीएड/बीएड को शामिल कर लिया गया है। यह संशोधन 28 जून, 2018 से लागू होगा।
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