प्रयागराज, जेएनएन। पेपर लीक के दलदल में फंसे उप्र
लोक सेवा आयोग (UPPSC) के नवनियुक्त परीक्षा नियंत्रक अरविंद मिश्र के
समक्ष कई चुनौतियां हैं। परीक्षा कराने से लेकर समय पर परिणाम जारी कराने
के लिए उन्हें कई बदलाव करने होंगे।
पेपर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस की गोपनीयता भंग हो गई है, अब नया पैनल बनाना पड़ेगा।
परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पेपर सेटर, मॉडरेटर व पैनल का पुन: गठन करना होगा। इसके साथ ही सीबीआइ व एसटीएफ की जांच में सहयोग भी करना होगा। आयोग में परीक्षा नियंत्रक का पद इधर कुछ वर्षों से विवादों के घेरे में रहा है। 2015 में तब प्रभुनाथ परीक्षा नियंत्रक थे। इनके कार्यकाल में पीसीएस 2015 का पेपर लीक हुआ। फिर अभ्यर्थी की कापी बदलने से लेकर उत्तरकुंजी जारी न करने सहित अनेक अनियमितताएं हुई। इनके कार्यकाल में छह सौ के लगभग मुकदमें हाईकोर्ट में दर्ज कराए गए।
प्रदेश की सत्ता बदली तो सारे मामलों की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार का कार्यकाल भी विवादों के घेरे में रहा। पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 का प्रश्नपत्र गलत बांटा गया। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 का पेपर भी लीक हुआ, वह इन दिनों जेल में हैं।
बनाना होगा नया परीक्षा कैलेंडर
यूपीपीएससी का परीक्षा कैलेंडर नए सिरे से बनाना होगा। अंजू कटियार के कार्यकाल में 20 मई को जारी परीक्षा कैलेंडर पेपर लीक होने के चलते स्थगित हो गया है। पीसीएस मेंस 2018 की परीक्षा कराने, पीसीएस 2017 मेंस का रिजल्ट देने के साथ पीसीएस प्री 2019 का विज्ञापन निकलवाना होगा।
डरता नहीं, चुनौतियों का सामना करता हूं : अरविंद
यूपीपीएससी से मैं अच्छी तरह से वाफिक हूं। आयोग में मेरे सामने कई चुनौतियां हैं, मुझे वह पता हैं, लेकिन मैं उससे डरता नहीं। यह आत्मविश्वास भरे शब्द हैं यूपीपीएससी के नवनियुक्त परीक्षा नियंत्रक अरविंद मिश्र के। वर्तमान में मऊ के सीडीओ पद पर तैनात अरविंद ने 'दैनिक जागरण' से दूरभाष पर कहा कि पेपर लीक होने से आयोग की साख बचाना बड़ी चुनौती है। इसके लिए हम पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे, जिससे सारी दिक्कतें दूर होंगी। पुरानी गलतियों से सीख लेकर मैं पूरी मेहनत व समर्पण से काम करूंगा। मुझे विश्वास है कि उसमें सारे अधिकारी, कर्मचारी पूरा साथ देंगे।
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पेपर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस की गोपनीयता भंग हो गई है, अब नया पैनल बनाना पड़ेगा।
परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पेपर सेटर, मॉडरेटर व पैनल का पुन: गठन करना होगा। इसके साथ ही सीबीआइ व एसटीएफ की जांच में सहयोग भी करना होगा। आयोग में परीक्षा नियंत्रक का पद इधर कुछ वर्षों से विवादों के घेरे में रहा है। 2015 में तब प्रभुनाथ परीक्षा नियंत्रक थे। इनके कार्यकाल में पीसीएस 2015 का पेपर लीक हुआ। फिर अभ्यर्थी की कापी बदलने से लेकर उत्तरकुंजी जारी न करने सहित अनेक अनियमितताएं हुई। इनके कार्यकाल में छह सौ के लगभग मुकदमें हाईकोर्ट में दर्ज कराए गए।
प्रदेश की सत्ता बदली तो सारे मामलों की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार का कार्यकाल भी विवादों के घेरे में रहा। पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 का प्रश्नपत्र गलत बांटा गया। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 का पेपर भी लीक हुआ, वह इन दिनों जेल में हैं।
यूपीपीएससी का परीक्षा कैलेंडर नए सिरे से बनाना होगा। अंजू कटियार के कार्यकाल में 20 मई को जारी परीक्षा कैलेंडर पेपर लीक होने के चलते स्थगित हो गया है। पीसीएस मेंस 2018 की परीक्षा कराने, पीसीएस 2017 मेंस का रिजल्ट देने के साथ पीसीएस प्री 2019 का विज्ञापन निकलवाना होगा।
यूपीपीएससी से मैं अच्छी तरह से वाफिक हूं। आयोग में मेरे सामने कई चुनौतियां हैं, मुझे वह पता हैं, लेकिन मैं उससे डरता नहीं। यह आत्मविश्वास भरे शब्द हैं यूपीपीएससी के नवनियुक्त परीक्षा नियंत्रक अरविंद मिश्र के। वर्तमान में मऊ के सीडीओ पद पर तैनात अरविंद ने 'दैनिक जागरण' से दूरभाष पर कहा कि पेपर लीक होने से आयोग की साख बचाना बड़ी चुनौती है। इसके लिए हम पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे, जिससे सारी दिक्कतें दूर होंगी। पुरानी गलतियों से सीख लेकर मैं पूरी मेहनत व समर्पण से काम करूंगा। मुझे विश्वास है कि उसमें सारे अधिकारी, कर्मचारी पूरा साथ देंगे।
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