उत्तर प्रदेश की एलटी ग्रेड परीक्षा पेपर लीक मामले में
गिरफ्तार अंजू कटियार को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है. साल 2002 में
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अंजू कटियार ने टॉप किया था.
वही अंजू कटियार अब लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के
पेपर लीक कराने के आरोप की वजह से सुर्खियों में है. पुलिस ने अंजू कटियार
से घंटों पूछताछ की है, जिसमें कई और शामिल बड़े लोगों के नाम सामने आए
हैं.
साल 2018 में आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा
में हुई धांधली की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक अंजू दो वर्ष से ज्यादा
समय से लोक सेवा आयोग में कार्यरत थी. कन्नौज की रहने वाली अंजू के पति
अभिषेक वर्मा एचएएल में इंजीनियर हैं और बच्चों के साथ लखनऊ में रहते हैं.
बुधवार को एसटीएफ ने छानबीन के बाद अंजू का मोबाइल और लैपटॉप भी जब्त कर
लिया था. लोकसेवा आयोग के मुख्यालय स्थित उसके आवास और कार्यालय से कई
फाइलें भी सील की गई थीं.
इसके साथ ही अंजू कटियार के बैंक अकाउंट और उसकी
संपत्तियों की भी जांच की जा रही है. इस मामले की जांच के दौरान पेपर लीक
से जुड़े कई अहम साक्ष्य मिलने के बाद उसकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही थी.
दरअसल, सीआईडी बंगाल के डीआईजी ने पिछले साल 29 जुलाई को आयोजित एलटी ग्रेड
शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के बारे में उत्तर प्रदेश एसटीएफ
के आईजी को पत्र लिखा था.
इस मामले मे बंगाल पुलिस ने गिरोह के अहम अशोक देव
चौधरी को गिरफ्तार किया था. अशोक देव चौधरी ने भी डीजीपी को पत्र के जरिए
पूरे मामले की जानकारी दी थी. इस मामले की जांच के दौरान एसटीएफ वाराणसी
यूनिट को अशोक देव ने बताया कि गिरोह का सरगना कोलकाता स्थित सिक्योरिटी
प्रिटिंग प्रेस का मालिक कौशिक कुमार है. पेपर उसके प्रेस में ही छपते हैं.
उसने ही पिछले साल एलटी ग्रेड परीक्षा के पेपर आउट कर 20-20 लाख रुपये में
सौदा तय किया था.
इस परीक्षा से एक दिन पहले 28 जुलाई को 50 अभ्यर्थियों
को वाराणसी में यूपी कॉलेज के पास बुलाकर उन्हें 10 किलोमीटर दूर कौशल
विकास केंद्र ले गया था. कौशिक ने अशोक को पेपर देकर वाराणसी भेजा था.
अभ्यर्थियों को हिंदी और सामाजिक विज्ञान के सॉल्व पेपर देकर दो घंटे में
याद करने के लिए कहा गया. फिर पेपर जला दिए गए. अशोक ने पेपर जलाते समय
मोबाइल से चुपके से वीडियो बनाया और फोटो भी खींची थी. परीक्षा से पहले इन
50 अभ्यर्थियों में प्रत्येक से पांच लाख रुपये तक एडवांस लिए थे.
इसके बाद बीते मंगलवार को वाराणसी एसटीएफ ने कोलकाता
निवासी प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार
किया था. पूछताछ में उसने अंजू कटियार को 10 लाख रुपये देने की बात कुबूल
की थी. उसके मोबाइल से अंजू और कौशिक के बीच व्हाट्सऐप पेपर को लेकर बातचीत
की पुष्टि हुई थी. इस पर मंगलवार रात सर्च वारंट लेकर पहुंची एसटीएफ ने
आवास में छानबीन करते हुए चार घंटे अंजू से पूछताछ की थी. इसके बाद अंजू को
गिरफ्तार किया गया था.
फिलहाल परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ अब
दूसरे आरोपियों की तलाश मे जुटी हुई है. इस मामले मे एसटीएफ ने कुछ
अभ्यर्थियों को भी बुलाकर पूछताछ की. उन्होंने बताया कि उनसे 20-20 लाख
रुपये में परीक्षा पास कराने की जिम्मेदारी ली गई थी. इसमें ज्यादातर
अभ्यर्थी पूर्वांचल के थे.
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