शिक्षक भर्ती घोटाला : गहरी हैं घाटालेबाजों की जड़ें, 19 और शिक्षक पुलिस की रडार पर

गोरखपुर, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश में 2013 से 2019 के बीच हुए शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच पुलिस ने तेज कर दी है। जांच में फर्जीवाड़े की परत दर परत खुल रही है। जांच में संदिग्ध पाए गए 19 शिक्षकों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
इनकी भर्ती का रिकार्ड लेने और दस्तावेजों की जांच करने एएसपी सिद्धार्थनगर जाएंगे। बीएसए और उनके दफ्तार के बाबुओं से इस संबंध में बात करेंगे।
बीएसए के स्‍टोनो समेत पांच लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
24 सितंबर को एसटीएफ ने सिद्धार्थनगर बीएसए के स्टेनो, फर्जी शिक्षक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। कैंट थाने में दर्ज जालसाजी और भ्रष्टाचार के मामले की जांच एएसपी/सीओ कैंट रोहन प्रमोद बोत्रे कर रहे हैं। जेल भेजे गए आरोपितों के अलावा 19 फर्जी शिक्षक चिह्नित किए गए हैं, जिनकी भूमिका संदिग्ध है। कैंट थाने में दर्ज एफआइआर में भी चिह्नित लोगों का नाम है।

सिद्धार्थनगर बीएसए के दफ्तार जाएगी जांच टीम
एक सप्ताह से चल रही जांच में पता चला है कि 2013 से 2019 के बीच हुई भर्ती में गड़बड़ी की गई है। सोमवार को एएसपी ने सभी को नोटिस जारी कर अपने कार्यालय बुलाया। यहां इन लोगों के बयान दर्ज होंगे। आरोपितों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र और भर्ती संबंधित दस्तावेज की पड़ताल करने मंगलवार को एएसपी टीम के साथ सिद्धार्थनगर बीएसए के दफ्तार जाएंगे।

हिमांशु, राकेश व रमेश हैं अहम राजदार
प्रतापगढ़ के रहने वाले हिमांशु सिंह, देवरिया के राकेश सिंह व रमेश शुक्ल को प्रकरण की पूरी जानकारी है। जेल गए स्टेनो ने बर्खास्त 29 शिक्षकों की भर्ती और बहाल कराने की प्रक्रिया में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होने की जानकारी दी थी। 

फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में 19 लोगों की भूमिका संदिग्ध है। सभी को नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए कार्यालय बुलाया है। भर्ती से संबंधित दस्तावेज लेने मंगलवार को  बीएसए सिद्धार्थनगर के कार्यालय जाउंगा। - रोहन प्रमोद बोत्रे, एएसपी/सीओ कैंट, गोरखपुर।