उन्नाव। परिषदीय स्कूलों में तैनात मृतक आश्रितों को बीएड व टीईटी की
डिग्री होने पर अब शिक्षक पद पर तैनात किया जाएगा। बेसिक शिक्षा सचिव ने
विभाग से स्कूलों में तैनात आश्रितों की संख्या, स्कूलों की रिक्तियों की
सूचना मांगी है।
जिले के 2305 प्राथमिक व 803 उच्च प्राथमिक स्कूलों में तैनात शिक्षकों के
आकस्मिक निधन के बाद कुल 588 आवेदन हुए थे। जिसमें 577 आश्रितों को
चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात किया गया था। इनमें से कुछ ऐसे
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। जिनके पास डिग्री होने के बाद भी उन्हें
योग्यता के अनुसार पद नहीं मिल रहा था। निराश कर्मचारी कई सालों से सरकार
से इस नियम में संशोधन करने की मांग कर रहे थे।
वहीं 11 आश्रित ऐसे हैं जिनमें कुछ कमियां होने से उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई है। शिक्षकों की मांग को देखते हुए सरकार ने मृतक आश्रितों की भर्ती प्रक्रिया में संशोधन किया है। बेसिक शिक्षा सचिव रूबी सिंह ने निर्देश दिए हैं कि मृतक आश्रितों के पाल्यों में जो स्नातक के साथ बीएड व प्राथमिक स्तर की टीईटी व सीटीईटी पास कर चुके हैं। उन्हें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी न बनाकर शिक्षक बनाया जाएगा। जिले से शासन को भेजी गई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की संख्या में बीएड व टीईटी पास केवल तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही शामिल हैं। विभाग से बाबू के पदों के रिक्तियों की भी संख्या भेजी गई है। डीआईओएस व प्रभारी बीएसए राकेश कुमार ने बताया कि जिले में मृतक आश्रितों की सूची व पदों की संख्या मांगी गई थी। जिसे उपलब्ध करा दिया गया है।
वहीं 11 आश्रित ऐसे हैं जिनमें कुछ कमियां होने से उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई है। शिक्षकों की मांग को देखते हुए सरकार ने मृतक आश्रितों की भर्ती प्रक्रिया में संशोधन किया है। बेसिक शिक्षा सचिव रूबी सिंह ने निर्देश दिए हैं कि मृतक आश्रितों के पाल्यों में जो स्नातक के साथ बीएड व प्राथमिक स्तर की टीईटी व सीटीईटी पास कर चुके हैं। उन्हें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी न बनाकर शिक्षक बनाया जाएगा। जिले से शासन को भेजी गई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की संख्या में बीएड व टीईटी पास केवल तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही शामिल हैं। विभाग से बाबू के पदों के रिक्तियों की भी संख्या भेजी गई है। डीआईओएस व प्रभारी बीएसए राकेश कुमार ने बताया कि जिले में मृतक आश्रितों की सूची व पदों की संख्या मांगी गई थी। जिसे उपलब्ध करा दिया गया है।