परीक्षा के बाद गलत आपत्ति करने वालों को रोकने के लिए अब लगेगा 500 रुपये शुल्क
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) में ऑनलाइन
आवेदन प्रक्रिया एक नवंबर 2019 से शुरू होगी। इस बार कई बदलाव के साथ
परीक्षा आयोजित होगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से पहली बार
दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए एक विषय की परीक्षा के लिए 100 रुपये का शुल्क
लिया जाएगा। दोनों प्रश्नपत्रों (प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक) की परीक्षा
के लिए 200 रुपये शुल्क देना होगा। इसके अलावा प्रश्नों को लेकर फर्जी
आपत्ति करने वालों से 500 रुपये शुल्क वसूलने का निर्णय लिया गया है।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को परीक्षा शुल्क लगाने का निर्णय उनके एक से अधिक आवेदन को रोकने के लिए किया जा रहा है। सचिव का कहना है कि पूर्व में हुई यूपीटीईटी में बड़ी संख्या में दिव्यांग परीक्षार्थियों ने सात से आठ जिले से आवेदन कर दिया था। इसमें जो केंद्र उनको सुविधाजनक लगता था, वहीं से वे परीक्षा में शामिल होते थे। अब परीक्षा शुल्क लगाने के बाद दिव्यांग अभ्यर्थी एक से अधिक आवेदन करने से बचेंगे।
वहीं सचिव की ओर से दिव्यांग (दृष्टिबाधित) के अभ्यर्थियों को श्रुत लेखक लेने की दशा में नियम में कठोर किया गया है। अब अभ्यर्थी को श्रुत लेखक के बारे में परीक्षा के पहले केंद्र व्यवस्थापक से अनुमति लेनी होगी। श्रुत लेखक की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट से अधिक नहीं होनी चाहिए और श्रुत लेखक को 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
आपत्ति सही पाए जाने पर परीक्षार्थी का शुल्क वापस होगा
यूपीटीईटी के प्रश्नपत्र पर आपत्ति दर्ज कराने वाले परीक्षार्थियों को अब प्रति प्रश्न 500 रुपये का ऑनलाइन शुल्क जमा करना होगा। परीक्षार्थी की आपत्ति सही पाए जाने पर शुल्क वापस कर दिया जाएगा। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि आपत्ति पर शुल्क लगाने का फैसला गलत आपत्ति करने वालों को रोकने के लिए किया गया है। बताया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में सभी 150 प्रश्नों पर अलग-अलग परीक्षार्थियों ने आपत्ति दर्ज करवाई थी। इसमें 54 सवाल ऐसे थे, जिन पर उनकी ओर से जारी उत्तर को सही मानते हुए आपत्ति दर्ज की गई थी।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को परीक्षा शुल्क लगाने का निर्णय उनके एक से अधिक आवेदन को रोकने के लिए किया जा रहा है। सचिव का कहना है कि पूर्व में हुई यूपीटीईटी में बड़ी संख्या में दिव्यांग परीक्षार्थियों ने सात से आठ जिले से आवेदन कर दिया था। इसमें जो केंद्र उनको सुविधाजनक लगता था, वहीं से वे परीक्षा में शामिल होते थे। अब परीक्षा शुल्क लगाने के बाद दिव्यांग अभ्यर्थी एक से अधिक आवेदन करने से बचेंगे।
वहीं सचिव की ओर से दिव्यांग (दृष्टिबाधित) के अभ्यर्थियों को श्रुत लेखक लेने की दशा में नियम में कठोर किया गया है। अब अभ्यर्थी को श्रुत लेखक के बारे में परीक्षा के पहले केंद्र व्यवस्थापक से अनुमति लेनी होगी। श्रुत लेखक की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट से अधिक नहीं होनी चाहिए और श्रुत लेखक को 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
आपत्ति सही पाए जाने पर परीक्षार्थी का शुल्क वापस होगा
यूपीटीईटी के प्रश्नपत्र पर आपत्ति दर्ज कराने वाले परीक्षार्थियों को अब प्रति प्रश्न 500 रुपये का ऑनलाइन शुल्क जमा करना होगा। परीक्षार्थी की आपत्ति सही पाए जाने पर शुल्क वापस कर दिया जाएगा। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि आपत्ति पर शुल्क लगाने का फैसला गलत आपत्ति करने वालों को रोकने के लिए किया गया है। बताया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में सभी 150 प्रश्नों पर अलग-अलग परीक्षार्थियों ने आपत्ति दर्ज करवाई थी। इसमें 54 सवाल ऐसे थे, जिन पर उनकी ओर से जारी उत्तर को सही मानते हुए आपत्ति दर्ज की गई थी।