सिद्धार्थनगर: एसटीएफ गोरखपुर के निशाने पर 27 और फर्जी शिक्षक हैं,
जिनका ब्योरा लेने के लिए टीम गुरुवार को बीएसए कार्यालय पहुंची। एसटीएफ की
सूची में देवा और राजेन्द्र नाम के ऐसे शिक्षक हैं, जिनके नाम-पता के बारे
में टीम को जानकारी नहीं है।
अब इस नाम के सभी शिक्षकों के पत्रावलियों की जांच होगी। सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि फर्जी शिक्षकों के बारे में टीम को जो जानकारी मिली है, वह आधी-अधूरी है। इस कारण से टीम को अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ रहा है। इस मामले में अब तक दो दर्जन फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है।
टीम को एक महिला शिक्षिका नीतू की तलाश है, जिसकी जगह पर निवेदिता नामक शिक्षिका कार्य कर रही है। हलांकि निवेदिता का सत्यापन जब पहले हुआ तो पमात्र पत्र सही पाए गए, लेकिन जब दूबारी बार उसकी जांच हुई तो उसकी जगह पर प्रमाण पत्र नीतू के निकले। नीतू टीजीटी परीक्षा में अनुपस्थित पाई गई है। इसे लेकर विभाग के माथे पर पसीना है। फर्जीवाड़ा में सभी पत्रावलियों का सत्यापन करना और कराने में समय अधिक लग रहा है। पत्रावली कमरे में सील होने के कारण टीम को कुछ कागजात नहीं मिल सके। करीब एक घंटे तक टीम दफ्तर में मौजूद रही और कुछ संदिग्धों के बारे में संबंधित पटल बाबू से पूछताछ करती रही। हालांकि टीम खाली हाथ लौट गई है। इस मामले में बीएसए सूर्य कांत त्रिपाठी ने कहा कि एसटीएफ के कुछ सदस्य आए थे। टीम ने जिन लोगों के दस्तावेज की प्रति मांगी है, उसे जल्द से जल्द मुहैया करा दिया जाएगा। बता दें कि शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा में सर्वाधिक आरोपी इसी जिले से पकड़े गए हैं। करीब पांच सौ से अधिक फर्जी शिक्षक पकड़ में आने की उम्मीद है।
अब इस नाम के सभी शिक्षकों के पत्रावलियों की जांच होगी। सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि फर्जी शिक्षकों के बारे में टीम को जो जानकारी मिली है, वह आधी-अधूरी है। इस कारण से टीम को अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ रहा है। इस मामले में अब तक दो दर्जन फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है।
टीम को एक महिला शिक्षिका नीतू की तलाश है, जिसकी जगह पर निवेदिता नामक शिक्षिका कार्य कर रही है। हलांकि निवेदिता का सत्यापन जब पहले हुआ तो पमात्र पत्र सही पाए गए, लेकिन जब दूबारी बार उसकी जांच हुई तो उसकी जगह पर प्रमाण पत्र नीतू के निकले। नीतू टीजीटी परीक्षा में अनुपस्थित पाई गई है। इसे लेकर विभाग के माथे पर पसीना है। फर्जीवाड़ा में सभी पत्रावलियों का सत्यापन करना और कराने में समय अधिक लग रहा है। पत्रावली कमरे में सील होने के कारण टीम को कुछ कागजात नहीं मिल सके। करीब एक घंटे तक टीम दफ्तर में मौजूद रही और कुछ संदिग्धों के बारे में संबंधित पटल बाबू से पूछताछ करती रही। हालांकि टीम खाली हाथ लौट गई है। इस मामले में बीएसए सूर्य कांत त्रिपाठी ने कहा कि एसटीएफ के कुछ सदस्य आए थे। टीम ने जिन लोगों के दस्तावेज की प्रति मांगी है, उसे जल्द से जल्द मुहैया करा दिया जाएगा। बता दें कि शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा में सर्वाधिक आरोपी इसी जिले से पकड़े गए हैं। करीब पांच सौ से अधिक फर्जी शिक्षक पकड़ में आने की उम्मीद है।