69000 शिक्षकों की भर्ती मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शिक्षामित्र पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।
एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के गत 6 मई के आदेश को चुनौती दी है। साथ ही आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की है।
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने गत 6 मई को उत्तर प्रदेश द्वितीय सहायक शिक्षक भर्ती मामले में फैसला सुनाते हुए एकलपीठ का फैसला रद कर दिया था और परीक्षा के क्वालीफाइंग न्यूनतम अंक 65 और 60 फीसद होने की अनिवार्यता के शासकीय आदेश को बहाल कर दिया था। साथ ही सरकार को आदेश दिया था कि वह छह जनवरी 2019 को हुई द्वितीय सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम भर्ती शर्तो के मुताबिक जारी करे प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने अपने वकील के जरिए याचिका दाखिल की है। साथ ही मामले पर तत्काल सुनवाई की गुहार वाली अर्जी भी लगाई है। जिसमें कहा गया है कि अगर कोर्ट ने मामले में जल्द सुनवाई नहीं की तो प्रदेश सरकार परीक्षा परिणाम घोषित कर देगी और उन लोगों का अवसर खत्म हो सकता है।
याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट की खंडपीठ का गत 6 मई का आदेश ठीक नहीं है। एकलपीठ का आदेश सही था जिसमें कोर्ट ने न्यूनतम क्वालीफाई अंक 65 और 60 फीसद तय करने के सरकार के आदेश को रद कर दिया था और सरकार से न्यूनतम क्वालीफाइंग अंक 45 और 40 फीसद कर भर्ती करने को कहा था। कहा गया है कि सरकारी आदेश में क्वालीफाइंग न्यूनतम अंक 65 और 60 फीसद होने की अनिवार्यता अतार्किक है जो कि संविधान में मिले बराबरी के अधिकार अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। प्रथम सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में 45 और 40 फीसद न्यूनतम अंक रखे गए थे।
उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।
एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के गत 6 मई के आदेश को चुनौती दी है। साथ ही आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की है।
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने गत 6 मई को उत्तर प्रदेश द्वितीय सहायक शिक्षक भर्ती मामले में फैसला सुनाते हुए एकलपीठ का फैसला रद कर दिया था और परीक्षा के क्वालीफाइंग न्यूनतम अंक 65 और 60 फीसद होने की अनिवार्यता के शासकीय आदेश को बहाल कर दिया था। साथ ही सरकार को आदेश दिया था कि वह छह जनवरी 2019 को हुई द्वितीय सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम भर्ती शर्तो के मुताबिक जारी करे प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने अपने वकील के जरिए याचिका दाखिल की है। साथ ही मामले पर तत्काल सुनवाई की गुहार वाली अर्जी भी लगाई है। जिसमें कहा गया है कि अगर कोर्ट ने मामले में जल्द सुनवाई नहीं की तो प्रदेश सरकार परीक्षा परिणाम घोषित कर देगी और उन लोगों का अवसर खत्म हो सकता है।
याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट की खंडपीठ का गत 6 मई का आदेश ठीक नहीं है। एकलपीठ का आदेश सही था जिसमें कोर्ट ने न्यूनतम क्वालीफाई अंक 65 और 60 फीसद तय करने के सरकार के आदेश को रद कर दिया था और सरकार से न्यूनतम क्वालीफाइंग अंक 45 और 40 फीसद कर भर्ती करने को कहा था। कहा गया है कि सरकारी आदेश में क्वालीफाइंग न्यूनतम अंक 65 और 60 फीसद होने की अनिवार्यता अतार्किक है जो कि संविधान में मिले बराबरी के अधिकार अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। प्रथम सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में 45 और 40 फीसद न्यूनतम अंक रखे गए थे।