उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षक के 69,000 पदों (69000
Assistant Teachers) का मुद्दा एक बार फिर से हाईकोर्ट (Aallhabad High
Court) में गूंज रहा है। इस बार हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) में गलत
प्रश्नों को लेकर याची हाईकोर्ट गए हुए हैं। इस भर्ती मामले में चार
विवादित सवालों को लेकर अभ्यर्थियों ने कोर्ट (Aallhabad High Court) की
रिट दाखिल की थी। आज हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) में विवादित
प्रश्नों को लेकर हुई बहस के बाद जज आलोक माथुर ने ऑर्डर रिजर्व कर लिया
है। इस मुद्दे पर न्यायमूर्ति बुधवार को फैसला सुनाएंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) की लखनऊ बेंच में हुई बहस में ऋषभ मिश्र सहित अन्य दो अन्य अभ्यर्थियों की तरफ से डॉ एलजी मिश्रा और सुदीप कुमार ने बहस की। उनकी तरफ से चार विवादित प्रश्नों पर सबको कॉमन नंबर देने की बात कहीं। बहस कर रहे वकील चार नंबर को लेकर ही बहस करते हुए नजर आएं। ऐसा कहा जा रहा है कि न्यायमूर्ति ने दो प्रश्नों के उत्तर को लेकर सहमति भी जताई, लेकिन बचाव पक्ष की तरफ से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह राजी नहीं हुई। उन्होंने विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट का हवाला भी दिया। हालांकि बहस पूरी होने के बाद जज आलोक माथुर ने ऑर्डर रिजर्व कर लिया है। वह इस मुद्दे पर 3 जून को फैसला सुनाएंगे।
बता
दें, 69,000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में प्रश्नों को
लेकर विवाद रिजल्ट आने के बाद ही शुरू हो गया। परीक्षा नियामक प्राधिकरण
(PNP) ने सिलेबस से हटकर पूछे गए तीन प्रश्नों पर सबको कॉमन नंबर दिए हैं।
वहीं, जिन प्रश्नों पर हजारों अभ्यर्थियों ने आपत्ति की थी, उन पर कोई भी
फैसला नहीं लिया। विवादित प्रश्नों पर नंबर न मिलने की वजह से अभ्यर्थियों
ने न्यायालय में शरण ली और इस मुद्दे पर याचिका दाखिल की। लखनऊ खण्डपीठ
(Aallhabad High Court) के न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने सुनवाई करते हुए
सबसे 30 मई तक प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए कहा था।
इस मामले में राज्य सरकार समेत दो पक्षकारों ने हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ (Aallhabad High Court) में गुरुवार को जवाबी हलफनामा पेश किया था। इसे रिकॉर्ड पर लेने के निर्देश देकर कोर्ट ने याचियों के अधिवक्ता को भी प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) ने चार सवालों के विवादित उत्तरों के संबंध में विशेषज्ञों की समिति गठित कर पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी, जिसको सरकार ने दाखिल भी कर दिया। इसके बाद भी इन प्रश्नों को लेकर मुद्दा गर्म रहा।
पीएनपी (PNP) की तरफ से जारी किए गए परिणाम के बाद जिन प्रश्नों को लेकर विवाद हुआ हैं, उनमें भारत में गरीबी का आकलन, नाथ संप्रदाय के प्रवर्तक, सामाजिक प्रेरक व एक परिभाषा से संबंधित सवाल हैं। सरकार की तरफ से इन प्रश्नों को लेकर कोर्ट (Aallhabad High Court) में जवाब भी दाखिल कर दिया गया है, लेकिन याची के वकीलों ने भी उत्तर दाखिल किया है। इसके अलावा पूर्व की परीक्षाओं में सही माने गए प्रश्नों के उत्तर को भी न्यायालय में पेश किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) की लखनऊ बेंच में हुई बहस में ऋषभ मिश्र सहित अन्य दो अन्य अभ्यर्थियों की तरफ से डॉ एलजी मिश्रा और सुदीप कुमार ने बहस की। उनकी तरफ से चार विवादित प्रश्नों पर सबको कॉमन नंबर देने की बात कहीं। बहस कर रहे वकील चार नंबर को लेकर ही बहस करते हुए नजर आएं। ऐसा कहा जा रहा है कि न्यायमूर्ति ने दो प्रश्नों के उत्तर को लेकर सहमति भी जताई, लेकिन बचाव पक्ष की तरफ से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह राजी नहीं हुई। उन्होंने विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट का हवाला भी दिया। हालांकि बहस पूरी होने के बाद जज आलोक माथुर ने ऑर्डर रिजर्व कर लिया है। वह इस मुद्दे पर 3 जून को फैसला सुनाएंगे।
इस मामले में राज्य सरकार समेत दो पक्षकारों ने हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ (Aallhabad High Court) में गुरुवार को जवाबी हलफनामा पेश किया था। इसे रिकॉर्ड पर लेने के निर्देश देकर कोर्ट ने याचियों के अधिवक्ता को भी प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट (Aallhabad High Court) ने चार सवालों के विवादित उत्तरों के संबंध में विशेषज्ञों की समिति गठित कर पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी, जिसको सरकार ने दाखिल भी कर दिया। इसके बाद भी इन प्रश्नों को लेकर मुद्दा गर्म रहा।
इन प्रश्नों को लेकर विवाद
पीएनपी (PNP) की तरफ से जारी किए गए परिणाम के बाद जिन प्रश्नों को लेकर विवाद हुआ हैं, उनमें भारत में गरीबी का आकलन, नाथ संप्रदाय के प्रवर्तक, सामाजिक प्रेरक व एक परिभाषा से संबंधित सवाल हैं। सरकार की तरफ से इन प्रश्नों को लेकर कोर्ट (Aallhabad High Court) में जवाब भी दाखिल कर दिया गया है, लेकिन याची के वकीलों ने भी उत्तर दाखिल किया है। इसके अलावा पूर्व की परीक्षाओं में सही माने गए प्रश्नों के उत्तर को भी न्यायालय में पेश किया है।