69000 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों ने गिनाई कमियां, परीक्षा रद्द करने की मांग

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों (69000 Teachers recruitment) की चल रही भर्ती में किस तरह से धांधली की गई है, इसके बारे में सभी जान रहे हैं। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में हुई धांधली की जांच एसटीएफ (STF) भी कर रही है, लेकिन अभी तक वह कोई भी खुलासा नहीं कर पाई है। एसटीएफ (STF) पिछले एक महीने से जांच कर रही है, लेकिन अभी तक मामले की तह तक नहीं पहुंच पाई है।


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एसटीएफ (STF) इस मामले में अभी सिर्फ जांच ही कर रही है। भर्ती में लगातार बरती जा रही लापरवाही और उत्तर प्रदेश सरकार की भर्ती कराने को तेजी से साफ जाहिर है कि मामले में क्या होने वाला है। मामले में लगातार इस तरह की हो रही धांधली पर अभ्यर्थी परेशान है। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में शामिल अभ्यर्थी बंटी पाण्डेय (Banti Pandey) सहित अन्य अभ्यर्थियों इस भर्ती की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। इन अभ्यर्थियों की मांग है कि इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) की जांच उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में की जाए, ताकि इस भर्ती (69000 Teachers recruitment) में हुए घोटालों की रिपोर्ट सबके सामने आ सके।
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6 जनवरी को पेपर हुआ था लीक

इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) की परीक्षा 6 जनवरी 2019 को प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ सहित अन्य जगहों पर हुई थी। 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) की लिखित परीक्षा हुई और इस परीक्षा में एक दिन पहले ही पेपर आउट होने की खबर मिली और इसकी फोटो वायरल भी हुई। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) परीक्षा में वायरल पेपर के मामले में यूपी पुलिस और एसटीएफ (STF) ने पूरे प्रदेश में छापेमारी करके 28 लोगों को गिरफ्तार भी किया।
इसका पेपर और उत्तरकुंजी यूट्यूब-व्हाट्सएप वायरल हुआ। परीक्षा में हुई धांधली के बाद ही अगले दिन बहुत कैंडिडेट्स ने आरोप लगाते हुए इस परीक्षा को रद्द करने की मांग शुरू कर दी। इस संबंध में सात जनवरी से लोगों ने प्रोटेस्ट भी करना शुरू किया था। ऐसा कहा जा रहा है कि 5 जनवरी को ही एक (Chandrmohan Patel) नामक यूट्यूब चैनल से ऑन्सर की वायरल हो गई थी। इसका अंदाजा इस लिए लगाया जा सकता है कि 135 अंक तक लोगों ने पाए है।
बता दें, भर्ती (69000 Assistant Teachers) रद्द कराने के लिए लोगों ने दो महीने तक प्रोटेस्ट भी किया और भर्ती (69000 Assistant Teachers) को रद्द कराने की लगातार मांग की, लेकिन सरकार और शिक्षा विभाग की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया। यह लोग लगातार यही कहते रहे कि परीक्षा में सब अच्छा हुआ, लेकिन जब रिजल्ट आया, तो उसके बाद पूरी हकीकत सामने आ गई। भर्ती (69000 Assistant Teachers) को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सरकार से जवाब भी मांगा, लेकिन सरकार की तरफ से इस संबंध में कोई भी जवाब नहीं आया।
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सोशल मीडिया पर वायरल मार्कशीट के बाद खुली हकीकत

इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में हुए घालमेल की पोल रिजल्ट आने के बाद मामला खुलने लगा। परीक्षा में टॉप करने वाले अभ्यर्थियों की मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जब मामला प्रकाश में आया, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। अभ्यर्थी बंटी पाण्डेय कहते हैं कि परीक्षा में 130 से 145 अंक तक पाने वाले अभ्यर्थी अंडरग्राउंड होने लगे। परीक्षा में टॉप करने वाले अभ्यर्थी मीडिया के सामने आने से बचने ले।
इसी बीच में जब प्रयागराज पुलिस को मामले की जानकारी हुई, तो हकीकत सामने आ गई है। बंटी पाण्डेय कहते हैं कि सोशल मीडिया (Social Mrdia) पर वायरल हो रहे अंक पत्रों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से हाईस्कूल के बाद इंटर पास करने में 4 साल लग गए तो किसी ने ग्रेजुएशन पूरा करने में 7 साल लगा दिए। ऐसे अभ्यर्थियों ने 14 विषयों में अचानक महानता हासिल कर ली। यही नहीं, इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में टेट में महज 82 से 90 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इससे साफ जाहिर होता है कि किस तरह से धांधली की गई है।
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कोचिंग संस्थान भी हो गए गायब

इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में एक ही परिवार के तीन-तीन लोगों ने टॉप किया। इस भर्ती में गोरख सिंह औन ननहू यादव (Nanhoo Yadav) के परिवार के तीन बच्चों ने बेहतर अंक हासिल किया। इस भर्ती में ननहू यादव ने के बच्चों ने 132, 131 और 128 नंबर पाए।
इसके अलावा गोरख सिंह (Gorakh Singh) के परिवार के तीन बच्चे भी ऐसे ही अंक हासिल किए है। इस शिक्षक भर्ती को लेकर बंटी पाण्डेय कहते हैं कि परीक्षा में धांधली और सही सवालों का जवाब पीएनपी (परीक्षा नियामक प्राधिकरण) नहीं दे पा रहा है, लेकिन राजू पटेल से लेकर धर्मेंद्र पटेल तक दे दिए।
बता दें, इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में सबसे खास बात यह है कि किसी भी कोचिंग ने टॉपरों के पोस्ट नहीं लगाए है, यही नहीं कोई भी मीडिया के सामने आया भी नहीं है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से धांधली की गई है। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में मऊ, प्रयागराज सहित अन्य जगह की कोचिंगों के बच्चों ने जमकर धांधली की है। ऐसा कहा जा रहा है कि इन लोगों के हाथों में भी लीक हुआ पर्चा लग गया है।
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अब न्यायिक जांच ही दिला सकती है न्याय: बंटी पाण्डेय

अब न्यायिक जांच ही इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में न्याय दिला सकती है। अभ्यर्थी बंटी पाण्डेय कहते हैं कि 69000 शिक्षक भर्ती में हुई धांधली की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के जज के निगरानी में कराई जाए। उन्होंने कहा कि अगर विभाग की तरफ से की जाए, तो कभी भी पूरी जांच सही नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इस शिक्षक भर्ती में सेंटर से लेकर पीएनपी (PNP) तक में सेटिंग करके काम किया गया था।

नकलमाफियाओं की धांधली की वजह से खामियाजा प्रतियोगी छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। इस भर्ती में सीबीआई की जांच इसलिए आवश्यक हो गई है ताकि हजारों युवाओं को उनकी मेहनत का फल मिल सकें। उन्होंने कहा कि अगर इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) को लेकर स्टे न होता, तो शायद अभी तक न जाने ऐसे फर्जी शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे होते। उन्होंने कहा कि अगर अभी भी मामले की सही से सरकार जांच करा दे, तो बहुत कुछ सामने आ सकता है। उन्होंने इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) को रद्द कराकर फिर से परीक्षा कराए जाने की मांग सरकार से की है।