69000 शिक्षक भर्ती: बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) में आज एक केश फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बीएड (B.ED) अभ्यर्थियों को बाहर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की गई है। इस मुद्दे पर आज सुनवाई करते हुए जस्टिस यूयू ललित (Justic UU Lalit) ने भी इस मामले को 14 जुलाई (14 July) के दिन होने वाली सुनवाई में ही टैग कर दिया है।


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बता दें, इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में बीएड अभ्यर्थियों को मौका मिला है। उन्हें मौका मिलने की वजह से इस बार भर्ती में जहां पासिंग प्रतिशत बढ़ा है, तो वहीं सरकार को कटऑफ भी 60 और 65 फीसदी पर करनी पड़ी है। बीएड अभ्यर्थियों के आने के बाद शिक्षामित्र भारी संख्या में बाहर हो रहे हैं। ऐसे में अब बीएड अभ्यर्थियों को ही शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) से बाहर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई है।
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बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचें अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें बीएड अभ्यर्थियों को बाहर नहीं करने का आदेश दिया गया। बता दें, NCTE ने साल 2019 बीएड डिग्रीधारकों को एक बार फिर से प्राइमरी एजुकेशन में पढ़ाने पर सहमति दी है। एनसीटीई की तरफ से यह मौका दिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की निकली भर्ती में इन्हें मौका दिया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले बीएड अभ्यर्थियों को टीईटी (UPTET) पास कराने का मौका दिया। इसकी वजह से 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में बीएड अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ गई। इसके बाद सुपर टेट (Super TET) में पास हुए अभ्यर्थियों में 97,368 बीएड (B.ED) पास लोग हैं। इसके अलावा इस भर्ती में महज 38,610 बीटीसी (BTC) अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। शिक्षामित्रों की संख्या 8,018, और अन्य पाठ्यक्रमों को करने वाले कुल 2,064 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए हैं। इस तरह से इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में कुल 1,46,060 उम्मीदवार सफल हुए।
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बीएड अभ्यर्थियों के शामिल होने की वजह से बहुत से शिक्षामित्र (Shiksha Mitra) असफल रहे हैं। बीएड (B.ED) अभ्यर्थियों की वजह से बेसिक शिक्षा विभाग ने कटऑफ को बढ़ाकर 60 और 65 फीसदी किया है। इसकी वजह से बहुत कम शिक्षामित्र पास हुए है। शिक्षामित्रों के कम पास होने की वजह से वह लोग बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कराने के लिए हाईकोर्ट (Allahabad High Court) गए थे।
हाईकोर्ट (High Court) की डबल बेंच ने इस केस को रद्द कर दिया है और वहां से रद्द होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अभ्यर्थी पहुंचें। बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने की याचिका देने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि हम लोगों ने बेसिक टीचर सर्टिफिकेट (बीटीसी) (BTC) की डिग्री किया हे। सहायक शिक्षक (69000 Assistant Teachers) के रूप में बीएड (B.ED) अभ्यर्थी आएंगे, तो छह महीने के ब्रिज कोर्स को पूरा नहीं किया गया है। केवल प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में शामिल किया जा सकता है।  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस मुद्दे पर सैकड़ों अभ्यर्थी पहुंचे हैं।

आज इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई और जस्टिस यूयू ललित सहित तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की। इस मुद्दे पर सुनवाई करते जस्टिस यूयू ललित (Justic UU Lalit) ने उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) से जवाब मांगा है। आज इस मुद्दे पर सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया, सीनियर एडवोकेट वी शेखर और विधि विशेषज्ञ कॉउंसिल आर के सिंह शामिल हुए। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने बहस की। जी एपियर हुईं।