69,000 शिक्षक भर्ती : कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर जारी की गई सूची, नियुक्ति के खिलाफ ओबीसी अभ्यर्थी जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

 प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने भले ही जिला आवंटन की सूची जारी कर दी है, परंतु इस मामले को लेकर विवाद अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

69,000 सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर अभी कोर्ट का फैसला नहीं आया है। आवेदन में गलती करने वाले कुछ अभ्यर्थियों के आवेदनों में संशोधन के लिए सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट की ओर से बेसिक शिक्षा परिषद को आदेश दिया गया है। लेकिन विभाग ने आवेदन में संशोधन का मौका दिए बगैर ही जिला आवंटन सूची जारी करके विवाद को हवा दे दी है। कोर्ट में याचिका दाखिल करने वालों का कहना है कि वह इस मामले में अवमानना की अपील दायर करेंगे। उधर कुछ अभ्यर्थियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में भी शिकायत की है, इस मामले की भी सुनवाई चल रही है। 


नियुक्ति के खिलाफ ओबीसी अभ्यर्थी जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

लखनऊ। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के कुछ अभ्यर्थियों ने 31,277 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का विरोध किया है। अभ्यर्थियों ने प्रक्रिया को अन्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के आदेश की अवहेलना बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्णय किया है। आरक्षण एनआरसी लीगल टीम के सदस्य राजेश कुमार ने बताया कि भर्ती में ओबीसी अभ्यर्थियों को नियमानुसार लाभ नहीं मिला है अभ्यर्थियों की याचिका पर ओबीसी आयोग ने नियुक्ति पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद विभाग ने नियुक्ति के लिए वरीयता सूची जारी कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने हर जिले में भर्ती के लिए रिक्त पदों के सापेक्ष 46 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति का आश्वासन दिया था, लेकिन जारी वरीयता सूची से किसी जिले में 70 प्रतिशत तक पद भर जाएंगे और किसी जिले में तीस प्रतिशत भी पद नहीं भरे जा सकेंगे.