हाईस्कूल और इंटर के फर्जी अंकपत्र का रैकेट जौनपुर, लखनऊ से लेकर ग्वालियर, दिल्ली तक फैला है। रुपये लेकर फर्जी अंकपत्र बांटने का काम कोरोना महामारी के दौरान भी नहीं थमा है। पिछले छह महीने में यूपी बोर्ड को आधा दर्जन से अधिक सत्यापन के मामले मिले हैं जो फर्जी है।
गुरुकुल विवि वृन्दावन मथुरा, हिन्दी साहित्य सम्मेलन की प्रथमा व मध्यमा, राजकीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान लखनऊ और राज्य मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान लखनऊ, वेदामऊ वैदिक विद्यापीठ बदायूं, मध्य भारत ग्वालियर, एमएच एजुकेशनल विद्यापीठ जौनपुर आदि अनाधिकृत संस्थाओं ने 10वीं एवं 12वीं के अंकपत्र जारी किए हैं।लखनऊ, अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विवि भोपाल, रोडवेज विभाग बरेली, जिला कमांडेंट होमगार्ड लखनऊ आदि ने पूछताछ की है। अफसरों का कहना है कि यूपी बोर्ड की ओर से पत्र भेजारहा है कि इन संस्थाओं से जारी अंकपत्र या प्रमाणपत्र का विधिक अस्तित्व नहीं है।
वेबसाइट पर उपलब्ध है सूची
हाईस्कूल और इंटर परीक्षा के लिए देशभर में अधिकृत एवं मान्य संस्थाओं की सूची यूपी बोर्ड की वेबसाइट www.upmsp.edu.in पर है। सभी राज्यों की विधि द्वारा स्थापित माध्यमिक शिक्षा परिषदों से संचालित 10वीं तथा 12वी परीक्षाएं यूपी बोर्ड के समकक्ष हैं। सीबीएसई सीआईएससीई की 10वीं-12वीं की परीक्षाएं भी मान्य हैं। एनआईओएस की सीनियर सेकेंडरी परीक्षा इस प्रतिबंध के साथ मान्य है कि यह परीक्षा कम से कम पांच विषयों में पास की गई हो।
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