बच्चों को मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि इससे उनमें आत्मसम्मान और रचनात्मकता का विकास होगा। उन्होंने कहा कि कक्षा पांच तक तो मातृभाषा में ही पढ़ाया जाना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर स्वर्ण भारत ट्रस्ट द्वारा मुछीनथल में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि घर में बोली जाने वाली भाषा से यदि बच्चों को शुरू में पढ़ाया जाए तो वे जल्दी सीख जाते हैं। उन्होंने नई शिक्षा नीति को दूरदर्शी और प्रगतिशील दस्तावेज बताया। नायडू ने मातृभाषा को प्रोत्साहित करने को पांच क्षेत्रों का जिक्र किया प्राथमिक शिक्षा, स्थानीय प्रशासन, कोर्ट की कार्यवाही तथा कोर्ट के फैसले आदि शामिल हैं।
नहीं थोपी जाएगी कोई भी भाषा : निशंक: वेबिनार में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मातृभाषा को सशक्त बनाना जरूरी है, लेकिन किसी भी राज्य पर कोई भी भाषा नहीं थोपी जाएगी।
भारतीय भाषाओं को सशक्त बनाएगी नई शिक्षा नीति : शाह: अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर एक संदेश में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मातृभाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। गृह मंत्री ने ट्वीट किया, मातृभाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम व संस्कृति की सजीव संवाहक होती है।