लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद से सशर्त मान्यता लेने के बाद भी अब तक मानक न पूरे करने वाले लखनऊ के 255 स्कूलों की मान्यता खतरे में पड़ गई है। इन स्कूलों को 10-12 साल पहले इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम की धारा 9/4 के तहत इस शर्त के साथ मान्यता दी गई थी कि निर्धारित समय में मानक पूरे कर लेंगे। लेकिन किसी ने अब तक मानक नहीं पूरे गए। अफसर भी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे।
अब जब विधान सभा की आश्वासन समिति में इस प्रकरण पर जवाब मांगा गया तो विभाग के अफसर सक्रिय हो गए। इन सभी स्कूलों को नोटिस जारी कर एक महीने का आखिरी मौका दिया है। इसके बाद मान्यता खत्म करने की संस्तुति की जाएगी।
वर्ष 2007 में शासन के आदेश पर करीब 299 स्कूलों को सशर्त मान्यता दी गई थी। यह कहा गया था कि जल्द से जल्द भूमि और भवन सहित सभी मानक पूरे कर लिए जाएं। कुछ समय बीत गया। जब मानक नहीं पूरे किए तो मामला विधान सभा की आश्वासन समिति में आया। उस समय स्कूलों को नोटिस जारी करके विभाग के अधिकारी शांत बैठ गए। 13 साल के लंबे अंतराल के बीच 299 में से सिर्फ 44 स्कूलों ने ही मानक पूरे किए। शेष ऐसे ही स्कूल चला रहे हैं। अब फिर से शासन ने इस पर रिपोर्ट तलब की तो अफसर भी सक्रिय हो गए। माध्यमिक शिक्षा परिषद के आदेश पर संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेंद्र तिवारी ने शनिवार को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।
’>>स्कूलों को नोटिस जारी कर एक महीने का दिया अल्टीमेटम
’>>2007 में शासन के आदेश पर 299 स्कूलों को सशर्त दी गई थी मान्यता
23 मार्च तक आखिरी मौका
नोटिस में साफ कहा है कि 23 मार्च तक तय प्रतिबंधों की पूर्ति नहीं की गई तो मान्यता रद करने की संस्तुति बोर्ड से कर दी जाएगी। इसकी जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन की होगी। वहीं, जिन्होंने लिखित रूप से बताया कि मानक पूरे कर लिए है तो टीम भेजकर उसकी जांच कराई जाएगी।
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