निरीक्षण में पूछे जाने वाले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों हेतु प्रश्नों के उत्तर

 बेसिक शिक्षा विभाग में पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों के लिए स्कूल हर दिन आए (शारदा) योजना एक वरदान साबित हो रहा है। योजना के तहत छह से 14 आयु वर्ग के उन बच्चों की तलाश की जाएगी जिनका नामांकन अब तक किसी भी स्कूल में नहीं कराया गया है अथवा स्कूल में नामांकन के बाद भी पढ़ाई बीच में छोड़ दिया।*


*अब रजिस्टरों की संख्या

परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के ऊपर से रजिस्टरों के रख रखाव का बोझ कम किया जा रहा है। अब उन्हें 40 की बजाए मात्र 14 रजिस्टर रखने होंगे। यह कदम विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा शिक्षण में बच्चों को अधिक समय देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।




*बेसिक शिक्षाधिकारी की तरफ से सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है।*

 *इसमें कहा गया है कि अब तक विद्यालयों में 40 से अधिक रजिस्टर व्यवहार में लाए जा रहे थे। अब इनकी संख्या घटाकर मात्र 14 की जा रही है। इनमें-*
1-शिक्षक डायरी, 
2- शिक्षक उपस्थिति पंजिका,
3-प्रवेश पंजिका, 
4-कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, 
5-एमडीएम पंजिका, 
6-समेकित निश्शुल्क सामग्री वितरण पंजिका,
7- स्टॉक पंजिका, 
8-आय व्यय पंजिका, 
9-चेक इश्यू पंजिका (बजटवार), 10-बैठक पंजिका, 
11-निरीक्षण पंजिका, 
12-पत्र व्यवहार पंजिका, 
13-बाल गणना पंजिका, 14-पुस्तकालय 
एवं खेलकूद पंजिका शामिल है।

*शिक्षा विभाग ने स्कूलों से बच्चे के ड्राप आउट को लेकर नया प्लान तैयार किया हुआ है। जिसके तहत बच्चे के लगातार सात दिन तक स्कूल में अनुपस्थित रहता है। शिक्षक उस विद्यार्थी के अभिभावकों से मुलाकात करेंगे और उनको स्कूल भेजने के लिए समझाएंगे। इसके बावजूद 10 दिन के बाद विद्यार्थियों के उपस्थित न होने पर स्कूल प्रबंधक कमेटी के साथ अभिभावकों से मिलेंगे। इसके बाद 15 दिन बीतने पर भी अगर विद्यार्थी नहीं आए तो उस स्कूल की प्रबंधन कमेटी के सदस्य व स्थानीय पंचायत के सदस्य उनके परिवार से जाकर मुलाकात करेंगे। इसके बाद भी 30 दिन दिन तक अगर विद्यार्थी स्कूल नहीं आता है तभी उसकी पहचान कर ड्राप आउट की श्रेणी में नाम पंजीकृत किया जाएगा।*

*शिक्षा विभाग ने स्कूलों से बच्चे के ड्राप आउट को लेकर नया प्लान तैयार किया हुआ है। जिसके तहत बच्चे के लगातार सात दिन तक स्कूल में अनुपस्थित रहता है।*


* शिक्षक उस विद्यार्थी के अभिभावकों से मुलाकात करेंगे और उनको स्कूल भेजने के लिए समझाएंगे। इसके बावजूद 10 दिन के बाद विद्यार्थियों के उपस्थित न होने पर स्कूल प्रबंधक कमेटी के साथ अभिभावकों से मिलेंगे। इसके बाद 15 दिन बीतने पर भी अगर विद्यार्थी नहीं आए तो उस स्कूल की प्रबंधन कमेटी के सदस्य व स्थानीय पंचायत के सदस्य उनके परिवार से जाकर मुलाकात करेंगे। इसके बाद भी 30 दिन दिन तक अगर विद्यार्थी स्कूल नहीं आता है तभी उसकी पहचान कर ड्राप आउट की श्रेणी में नाम पंजीकृत किया जाएगा।*

*प्रेरणा लक्ष्य और प्रेरणा सूची में क्या अंतर होता है*

*प्रेरणा लक्ष्य: प्रेणना लक्ष्य में हम सबसे पहले अपने लक्ष्य को निर्धारित करते है| हम अपने अंदर की काबलियत को पहचानते है की हम किस विषय में बहुत अच्छा कर सकते है और फिर सोचते है की हमें क्या बनना है , किस विषय में अपना भविष्य बनाना है|  हम अपने घर में बड़ो से , अपने दोस्तों आदि से प्रेरित हो कर हम प्रेरणा ले सकते है|
प्रेरणा सूची: प्रेरणा सूचि में हम अपना लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सूचि बनाते है| हमे अपने लक्ष्य के लिए क्या-क्या करना है? अपने परिवार की सहायता लेते है पर अपने शिक्षकों की सहायता लेते है| अपने विषय के बारे में मेहनत करते है| अपनी समय-सारणी  बना कर प्रतिदिन मेहनत करते है|*

*कुल दक्षता हैं*
 कक्षा 1, 2, 3 के लिए 14 -14 कक्षा 4 व 5 के लिए 16 -16

*ड्रॉपआउट*

 यानि बच्चों का असमय विद्यालय छोड़ देना।

*मिशन प्रेरणा के मुख्य घटक

’’मिशन प्रेरणा’’ के मुख्य घटक निम्नवत हैं-

Ø  शिक्षा के अधिगम स्तर में वृद्धि हेतु नियमित अन्तराल पर त्रैमासिक परीक्षाओं के माध्यम से छात्र-छात्राओं के लर्निंग आउटकम का आंकलन करना।

Ø  परीक्षा के आधार पर विद्यालयवार रिपोर्ट कार्ड तैयार करना।

Ø  बच्चों का रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों को प्रेषित करना।

Ø शैक्षणिक संसाधन व्यक्ति (Academic Resource Person- ARP) द्वारा सहायक पर्यवेक्षण (Supportive Supervision) के माध्यम से शिक्षकों की क्षमता-वृद्धि हेतु प्रोत्साहन एवं उत्साहवर्धन करना।

Ø कक्षा-कक्ष का वातावरण सुधारने एवं आकर्षक बनाने के लिये शिक्षण अधिगम सामग्री (TLM), कार्यपुस्तिका (Workbook), समृद्ध प्रिंट सामग्री (Print Rich Material), आदि उपलब्ध कराना।

Ø  प्रेरणा-तालिका के माध्यम से विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता का अनुश्रवण करना।

Ø स्वतंत्र बाह्य संस्था (Independent external organization) के माध्यम से विद्यालयों का सत्यापन कराते हुए विकास खण्ड को प्रेरणा विकास खण्ड के रूप में घोषित करना।

Ø टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना, यथा- दीक्षा ऐप का उपयोग, विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज विकसित करना, आदि।

Ø  प्रत्येक विद्यालय के कक्षा-कक्षों में पुस्तकालय और लाइब्रेरी कार्नर की स्थापना करना।

Ø  समस्त शिक्षकों को निष्ठा प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षित करना।

*सहज*
सहज *रीडिंग बुक्स* है जो कक्षा एक, दो और तीन के लिए है।

*मानव संपदा पोर्टल

राज्य सरकार ने सभी विभागों में ‘मानवसम्पदा’ (एचआरएमएस) नाम से विकसित पोर्टल का उपयोग करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) द्वारा विकसित यह पोर्टल मानव संसाधन प्रबधन के लिए है। इसमें आनलाइन माध्यम से अवकाश प्रबंधन, कार्मिकों के सर्विस बुक का रख-रखाव तथा अन्य कई सुविधाएं आनलाइन प्रस्तुत किए जाने की व्यवस्था है। राज्य सरकार ने सभी स्तर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का विवरण इस पोर्टल में फीड उपलब्ध सभी सुविधाओं का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं।

*दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रम*

लॉकडाउन के मद्देनजर 18 अप्रैल से दूरदर्शन व आकाशवाणी के माध्यम से कार्यक्रम का प्रसारण होगा। डीडी यूपी पर प्रतिदिन 1:30 बजे से आधा घंटा, आकाशवाणी के प्राइमरी चैनल एमडब्ल्यू 747 केएचजेड पर प्रतिदिन 11:00 बजे कार्यक्रम आएगा। इसे *न्यूज ऑन एयर एप* पर भी सुना जा सकेगा।

*मानव संपदा कोड*

 प्रत्येक कार्मिक का एक यूनीक कोड है जिसका प्रयोग मानव संपदा पोर्टल पर एक्सेस करने के लिए किया जाता है इसके बिना कोई भी मानव संपदा पोर्टल पर  एक्सेस नहीं कर सकता।

*प्रधानाध्यापक द्वारा कितने आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किये जा सकते हैं

*चार दिन से कम का अवकाश प्रधानाध्यापक को और उससे अधिक होने पर खंड शिक्षाधिकारी को स्वीकृत करना है। 
सहयोग हेतु