Advertisement

मानव संपदा पोर्टल 20 दिनों से बंद, 60 हजार शिक्षक चयन वेतनमान से वंचित — नाराजगी बढ़ी

 लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले हजारों शिक्षक अभी तक चयन वेतनमान (Selection Scale) नहीं पा सके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है—मानव संपदा पोर्टल का पिछले 20 दिनों से बंद होना। इस तकनीकी समस्या और विभागीय उदासीनता के कारण प्रदेश के 55 से 60 हजार शिक्षक चयन वेतनमान से वंचित चल रहे हैं।

चयन वेतनमान न मिलने से शिक्षकों की वेतन वृद्धि रुक गई है, साथ ही सेवा सूची (Seniority List) और पदोन्नति पर भी खतरा खड़ा हो गया है। शिक्षक लगातार इससे प्रभावित हो रहे हैं और विभाग से समाधान की मांग कर रहे हैं।


10 वर्ष सेवा पूरी, फिर भी वेतनमान नहीं — 2015 में हुई थी पहली नियुक्ति

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के अनुसार परिषदीय शिक्षकों की पहली नियुक्ति 7 नवंबर 2015 को हुई थी।
आज स्थिति यह है कि:

  • 7 नवंबर 2025 को हजारों शिक्षकों के 10 वर्ष पूरे हो चुके,

  • फिर भी उन्हें अभी तक चयन वेतनमान नहीं दिया गया है।

पदाधिकारियों ने बताया कि चयन वेतनमान लागू होने पर शिक्षकों का वेतन 2500 से 3000 रुपये तक बढ़ जाएगा, जो कई महीनों से अटका हुआ है।


सेवा सत्यापन पूरी तरह रुका — पोर्टल बंद होने से शिक्षक निराश

शिक्षक नेता अनिल यादव ने कहा कि मानव संपदा पोर्टल ठप होने की वजह से सेवा सत्यापन (Service Verification) की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है, जबकि यह चयन वेतनमान देने की अनिवार्य शर्त है।
उन्होंने बताया कि:

  • संघ कई दिनों से पोर्टल को दुरुस्त कराने की मांग कर रहा है

  • लेकिन विभाग इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा

इससे शिक्षकों में गहरी नाराजगी है।


60 हजार से अधिक शिक्षक प्रभावित — चयन वेतनमान प्रक्रिया ठप

प्रदेश में:

  • परिषदीय विद्यालयों के 72,825 चयनित शिक्षक

  • जूनियर हाईस्कूलों के लगभग 29,000 विज्ञान एवं गणित शिक्षक

सितंबर 2025 और जुलाई 2025 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं।
फिर भी मानव संपदा पोर्टल के बंद होने से चयन वेतनमान की पूरी प्रक्रिया रुकी हुई है।


आर्थिक नुकसान के कारण आक्रोश—शिक्षकों ने चेताया, जल्द फैसला न हुआ तो आंदोलन होगा

शिक्षक संगठनों का कहना है कि:

  • चयन वेतनमान न मिलने से उनका भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है

  • विभाग की तकनीकी लापरवाही उनके हक में बाधा डाल रही है

  • लंबे समय से समाधान न मिलने पर शिक्षक आंदोलन के लिए मजबूर होंगे

संगठन का स्पष्ट कहना है कि ऑनलाइन तकनीकी व्यवस्था स्वीकार्य है, लेकिन यदि उसका संचालन सही ढंग से न हो, तो यह शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बन जाती है।


संगठनों की प्रमुख मांगें

  • मानव संपदा पोर्टल को तत्काल दुरुस्त कराया जाए

  • सभी लंबित चयन वेतनमान जल्द जारी किए जाएँ

  • भविष्य में इस तरह की समस्या से बचने के लिए वैकल्पिक तकनीकी व्यवस्था बनाई जाए

  • सेवा सत्यापन की प्रक्रिया को समयबद्ध किया जाए


निष्कर्ष

मानव संपदा पोर्टल के 20 दिनों से बंद रहने के कारण हजारों शिक्षकों पर आर्थिक और सेवा-संबंधी संकट गहरा गया है।
शिक्षक संघ लगातार समाधान की मांग कर रहे हैं और चेतावनी दे चुके हैं कि यदि चयन वेतनमान तुरंत जारी नहीं हुआ, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को विवश होंगे
अब विभाग की अगली कार्रवाई ही तय करेगी कि यह विवाद कितनी देर तक चलता है।

UPTET news