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शिक्षामित्रों के लिए बड़ी राहत: गाजियाबाद में मूल विद्यालयों में समायोजन प्रक्रिया शुरू, महिला शिक्षामित्रों को विशेष फायदा

 गाजियाबाद। परिषदीय विद्यालयों (Parishadiya Vidyalaya) में तैनात शिक्षामित्रों (Shikshamitra) के लिए शासन ने बड़ा राहत भरा आदेश जारी किया है। नए शासनादेश के तहत शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालयों में समायोजन (Samayojan) और वापसी की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

विशेष रूप से महिला शिक्षामित्रों (Mahila Shikshamitra) को इस निर्णय से सबसे अधिक लाभ मिलेगा—जो विवाह के कारण ससुराल से मायके स्थित विद्यालयों में पढ़ाने आने को मजबूर थीं।


466 शिक्षामित्र तैनात, बड़ी संख्या महिला शिक्षामित्रों की

जिले में वर्तमान में 466 शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें काफी संख्या ऐसी महिलाओं की है जो नियुक्ति समय पर अविवाहित थीं, लेकिन बाद में उनका विवाह अन्य जिले या दूसरे क्षेत्र में हो गया।

इसकी वजह से—

  • कई महिला शिक्षामित्रों ने नौकरी छोड़ दी

  • जबकि कई को रोज़ाना ससुराल से मायके आकर पढ़ाना पड़ रहा था

नया शासनादेश इन सभी के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है।


महिलाओं के लिए तीन चरणों में समायोजन प्रक्रिया

शासन ने समायोजन प्रक्रिया को तीन चरणों में लागू करने के निर्देश दिए हैं:

1️⃣ पहला चरण— मूल विद्यालय में वापसी

जो शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय से हट चुके थे, उन्हें वापस वहीं समायोजन का मौका मिलेगा।

2️⃣ दूसरा चरण— ग्राम पंचायत/न्याय पंचायत में समायोजन

महिला शिक्षामित्रों को अन्य ग्राम पंचायत या न्याय पंचायत में समायोजन का विकल्प दिया जाएगा, ताकि उन्हें रोज़ लंबी दूरी न तय करनी पड़े।

3️⃣ तीसरा चरण— अंतर-जनपदीय समायोजन (जहाँ ससुराल हो)

जिन महिला शिक्षामित्रों का विवाह दूसरे जिले में हुआ है, उन्हें

  • विवाह प्रमाण पत्र

  • और पति के पहचान पत्र

के आधार पर अंतर-जनपदीय समायोजन (Inter-District Samayojan) का विशेष विकल्प मिलेगा। यह सबसे मांग वाला प्रावधान माना जा रहा है।


शिक्षामित्रों का स्वागत— “लंबे समय से कर रहे थे मांग”

समायोजन आदेश जारी होने के बाद जिलास्तर पर भी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जिले के सभी शिक्षामित्रों से शासन द्वारा जारी प्रारूप (Format) के आधार पर जानकारी एकत्र की जाएगी।

शिक्षामित्र संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों
अमरेंद्र दुबे (कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष),
दुष्यंत कुमार,
रिजवान राणा,
राजेश त्यागी,
ऋषिपाल,
सुदेश तेवतिया,
रामकिशोर गौतम

ने बताया कि वे इस शासनादेश की लंबे समय से मांग कर रहे थे।
उनके अनुसार, गाजियाबाद जिले में बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों को इससे राहत मिलेगी।

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