40000 सिपाहियों की भर्ती - मेरिट प्रक्रिया पर खड़े किए सवाल : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

प्रदेश में चालीस हजार सिपाहियों की भर्ती में नई नियमावली पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। अभ्यर्थियों का मानना है कि इस प्रक्रिया में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का अभाव रहेगा। पुलिस जैसे संगठन में शारीरिक दक्षता के साथ ही ‘स्किल’ भी जरूरी है। इसलिए लिखित परीक्षा के आधार पर ही मेरिट तैयार की जानी चाहिए।
अभ्यर्थी इस मुद्दे को लेकर इलाहाबाद में एक बड़ी बैठक भी करने जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने पुलिस भर्ती में नियमावली 
को संशोधित करते हुए लिखित परीक्षा न कराने का फैसला किया है। इसके पीछे तर्क यह है कि पिछली लिखित परीक्षा में कई विवाद खड़े हो गए थे। हालांकि सरकार ने पिछली पुलिस भर्ती में भी नियमों में बदलाव किया था लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उसे यह कहते हुए रद कर दिया था कि खेल के बीच नियम नहीं बदले जा सकते। इसीलिए इस बार विज्ञापन जारी करने से पहले ही नियमों में बदलाव कर लिया गया है।1 दूसरी ओर अभ्यर्थी यह मानते हैं कि पिछली भर्ती में सिस्टम की खामी सामने आई थी। वाइटनर के प्रयोग जैसे मुद्दे उठे थे। पुलिस भर्ती बोर्ड सक्रिय होता तो अभ्यर्थी इससे परहेज करते। इसके अलावा आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगे हैं। इसका भी परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं था। लिखित परीक्षा की मांग कर रहे अभ्यर्थियों ने सिपाही भर्ती मेरिट विरोधी मोर्चा बना लिया है। गुरुवार को इसकी बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि स्वस्थ एवं पारदर्शी भर्ती के लिए जरूरी है कि लिखित परीक्षा का आयोजन कर मेधावियों को समान अवसर प्रदान किया जाए।


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