ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं की सफलता से उत्साहित स्वास्थ्य
विभाग ने शहरी क्षेत्रों में 6660 आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती का फैसला किया
है। इस बाबत जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक ये आशा कार्यकर्ता मलिन
बस्तियों में सक्रिय रहकर शहरी स्वास्थ्य केंद्रों से समन्वय स्थापित करेंगी।
प्रदेश में इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में एक लाख 40 हजार आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिक झंडाबरदार के रूप में काम कर रही हैं। परिवार कल्याण से लेकर जच्चा-बच्चा की सुरक्षा तक की जिम्मेदारी संभाल रही इन आशा कार्यकर्ताओं की सक्रियता से सेहत के मापदंडों में सुधार आया है। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार के मुताबिक अब ग्रामीण आशा की तर्ज 6660 शहरी आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती होगी। इनकी तैनाती शहरी क्षेत्रों में होगी और वे मूल रूप से मलिन बस्तियों में काम करेंगी। शासन ने शहरी क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य केंद्र खोलने का फैसला किया है और ये आशा कार्यकर्ता मलिन बस्ती के साथ इन स्वास्थ्य केंद्रों के समन्वयक की भूमिका में भी होंगी।1प्रमुख सचिव ने शुक्रवार को इन शहरी आशा कार्यकर्ताओं के चयन के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिये। इसके अनुसार 200 से 500 घरों के बीच एक, 501 से 1000 घरों के बीच दो, 1001 से 1500 घरों के बीच तीन और 1501 से 2000 घरों के बीच चार आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया जाएगा। नियुक्ति के लिए 20 से 45 वर्ष आयु के साथ हाई स्कूल उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। साथ ही जिस मलिन बस्ती के लिए चयन होना है, आशा को वहीं का निवासी होना जरूरी होगा। इनमें विवाहित, विधवा, तलाकशुदा व पति से अलग हुई महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
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बस्तियों में सक्रिय रहकर शहरी स्वास्थ्य केंद्रों से समन्वय स्थापित करेंगी।
- स्वास्थ्य विभाग ने जारी किये नियुक्ति के दिशा-निर्देश
- मलिन बस्तियों में सक्रियता, स्वास्थ्य केंद्रों से समन्वय
प्रदेश में इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में एक लाख 40 हजार आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिक झंडाबरदार के रूप में काम कर रही हैं। परिवार कल्याण से लेकर जच्चा-बच्चा की सुरक्षा तक की जिम्मेदारी संभाल रही इन आशा कार्यकर्ताओं की सक्रियता से सेहत के मापदंडों में सुधार आया है। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार के मुताबिक अब ग्रामीण आशा की तर्ज 6660 शहरी आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती होगी। इनकी तैनाती शहरी क्षेत्रों में होगी और वे मूल रूप से मलिन बस्तियों में काम करेंगी। शासन ने शहरी क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य केंद्र खोलने का फैसला किया है और ये आशा कार्यकर्ता मलिन बस्ती के साथ इन स्वास्थ्य केंद्रों के समन्वयक की भूमिका में भी होंगी।1प्रमुख सचिव ने शुक्रवार को इन शहरी आशा कार्यकर्ताओं के चयन के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिये। इसके अनुसार 200 से 500 घरों के बीच एक, 501 से 1000 घरों के बीच दो, 1001 से 1500 घरों के बीच तीन और 1501 से 2000 घरों के बीच चार आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया जाएगा। नियुक्ति के लिए 20 से 45 वर्ष आयु के साथ हाई स्कूल उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। साथ ही जिस मलिन बस्ती के लिए चयन होना है, आशा को वहीं का निवासी होना जरूरी होगा। इनमें विवाहित, विधवा, तलाकशुदा व पति से अलग हुई महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
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