‘वर्जिन’ होने पर इस स्कूल में लड़कियों को मिलती है स्कॉलरशिप.. : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

दक्षिण अफ्रीका, पढ़ाई को प्राथमिकता देना कितना जरुरी है ये हमें बचपन से ही पढ़ाया जाता है। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ-साथ कुछ बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटकर अन्य कामों में लगना शुरु हो जाता है।
विशेषकर टीनेज में बच्चों की रुची पढ़ाई से हटती जाती है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका में लड़कियों की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए एक स्कीम चलाई है जिसके अंतर्गत कुंवारापन साबित करने पर लड़कियों को छात्रवृत्ति दी जाती है।
यह स्कीम क्वाज़ुलु-नटाल के एमसीशीनी गांव के एक स्कूल में शुरू की गई है। हालांकि दक्षिण अफ्रीका के मानवाधिकार संगठनों ने इसकी आलोचना की है। उनके मुताबिक प्रशासन केवल इस बातों पर ध्यान दे रहा है जबकि चिंता की बात है कि टीनेज प्रेगनेंसी और एचआईवी जैसे मुद्दों पर चर्चा नहीं की जाती। सामाजिक कार्यकर्ताओं का तर्क है कि ऐसी जांच निजता का हनन है। उनका कहना है कि शिक्षा के अवसर और सेक्स को जोड़कर देखना सही नहीं है।
  वहीं स्कॉलरशिप को पाने वाली 18 साल की थूबेलीहली ड्लोड्लो इस स्कीम से काफी ख़ुश हैं। ड्लोड्लो कहती हैं कि उन्हें ऐसा करना ही पड़ेगा, क्योंकि उनके माता-पिता पढ़ाई का ख़र्च नहीं उठा सकते। हालांकि वह घर से निकलते हुए डरती हैं क्योंकि उनके लिए कुंवारापन बरकरार रखना ज़रूरी है। लेकिन हैरानी की बात है कि ड्लोड्लो को कुंवारेपन की जांच कराना अपनी निजता का हनन नहीं लगता। वह कहती हैं कि हर बार जांच के बाद खुद को ‘वर्जिन’ साबित करने पर वो गर्व महसूस करती हैं। वैसे दक्षिण अफ्रीका में सेक्स की इजाज़त 16 साल की उम्र में ही मिल जाती है, इस छात्रवृत्ति को शुरू करने वाली महिला मेयर डूडू माज़ीबुको कहती हैं
कि यह छात्रवृत्ति कोई रिवॉर्ड नहीं, बल्कि एक लड़की की ज़िंदगी भर की पूंजी है। उनका कहना है कि जो लड़कियां अलग सोच रखती हैं उनकी आलोचना नहीं की जाती, बल्कि उनके लिए दूसरी स्कॉलरशिप का प्रावधान है।
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