बच्चों के एसएमएस को गुरु जी का मोबाइल खर्चा देगी सरकार : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

हरदोई, जागरण संवाददाता: एसएमएस से बच्चों की उपस्थिति भेजने की गुरु जी के टेंशन में राहत की खबर है। बच्चों का संदेश भेजने वाले अध्यापकों को सरकार ने मोबाइल खर्चा देने की योजना बनाई है।
हालांकि अभी इसका कोई आदेश नहीं आया है लेकिन सब कुछ सही सलामत रहा तो आगामी शैक्षिक सत्र से इसकी शुरुआत हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ शासन ने सभी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं का नाम पता ही नहीं उनका मोबाइल नंबर भी मांगा है।
प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण समाजवादी पेंशन योजना में बेसिक शिक्षा पर भी जोर दिया जा रहा है।
लाभार्थियों के घरों में शिक्षा का दीपक जलाने के लिए सरकार काम कर रही है। उसी कड़ी में विद्यालयों से च्च्चों की उपस्थिति को मोबाइल एसएमएस से भेजने की व्यवस्था शुरू की गई थी। जिसके लिए एनआईसी में विशेष साफ्टवेयर उपस्थिति माड्यूल तैयार कराया गया और हर विद्यालय से रोजाना मोबाइल से च्च्चों की सूचना मांगे जाने की व्यवस्था शुरू की गई। इस नई व्यवस्था के काफी बदलाव आया, च्च्चों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा रुक गया, लेकिन कहीं न कहीं शिक्षक शिक्षिकाएं मोबाइल नेटवर्क से लेकर अन्य टेंशन तो झेल ही रहे थे, सबसे बड़ा मुद्दा उनके मोबाइल रिचार्ज का था। शिक्षक संघों द्वारा इसकी मांग भी होती रही कि च्च्चों की सूचना सरकार मांगती है तो सरकार ही उनका मोबाइल भी रिचार्ज कराए। सरकार को इसकी ¨चता थी और देखा जाए तो अक्टूबर में ही जारी शासनादेश में इसे शामिल भी कर दिया गया था, लेकिन विभाग ने अभी उस पर कोई काम नहीं शुरू किया और न ही जानकारी थी लेकिन वीडियो कांफ्रे¨सग और समीक्षा में यह बात भी सामने आई है। अक्टूबर में जारी शासनादेश में ही कहा गया था कि च्च्चों का संदेश भेजने वाले शिक्षक शिक्षिका को साल में एक हजार रुपये दिए जाएं।
इस मद में पूरे प्रदेश में करीब 30 करोड़ का खर्चा आएगा। जोकि संदेश भेजने वाले विद्यालय के एक अधिकृत शिक्षक शिक्षिका को मिलेगा। जिसके लिए शासन ने उसका नाम और विवरण ही नहीं मोबाइल नंबर भी मांगा है। वहीं दूसरी तरफ शासन ने सभी परिषदीय विद्यालयों के अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ ही सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित हुए शिक्षामित्रों का भी नाम, पता और मोबाइल नंबर मांगा है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि शासनादेश में इस बात का उल्लेख है लेकिन अभी इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। शासन शिक्षक शिक्षिकाओं के हितों के लिए पूरी तरह से सजग है। आदेश आते ही पूरी तरह से पालन कराया जाएगा।

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