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इनकम टैक्स में छूट के लिए गुरु जी ने किया ‘खेल’ : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

लखनऊ (डीएनएन)। अपना इनकम टैक्स बचाने के लिए परिषदीय विद्यालय के गुरु जी ने खेल कर दिया। अलग-अलग विद्यालयों में तैनात दोनों शिक्षकों ने अपने बेटे की एक ही फीस रसीद और एलआईसी बीमा की रसीद लगा दी। जिससे इनकम टैक्स का लाभ लिया जा सके।
लापरवाही का आलम यह है कि खंड शिक्षा अधिकारी काकोरी के कार्यालय से भी इसे पास कर दिया गया। जब वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा कार्यालय में इनकम टैक्स प्रपत्रों की जांच की गई तो इसका खुलासा हुआ। इस मामले में वित्त एवं लेखाधिकारी जान्हवी मोहन ने खंड शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया है।दरअसल, इन दिनों परिषदीय विद्यालयों एवं एडेड विद्यालयों में तैनात शिक्षकों व कर्मचारियों के इनकम टैक्स के प्रपत्रों की जांच की जा रही है।
नियमत: इनकम टैक्स संबंधी समस्त प्रपत्रों का परीक्षण कराना व समय से इनकम टैक्स कटौती करने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी व नगर शिक्षा अधिकारी की है। विकास खंड से प्राप्त आयकर गणना प्रपत्रों की जांच में जमकर लापरवाही बरती जा रही है। काकोरी के दो विद्यालयों के आयकर प्रपत्रों की जांच में इसका खुलासा हुआ है। पत्र के मुताबिक अजय सिंह प्राथमिक विद्यालय बड़ा गांव-1 काकोरी में प्रधान अध्यापक हैं और चंद्रकला मौर्य प्राथमिक विद्यालय ईंट गांव में प्रधान अध्यापिका हैं। दोनों शिक्षकों ने आयकर आगणन प्रपत्र में बच्चे की जो फीस रसीद व एलआईसी बीमा रसीद लगाई है, वह एक ही है। जिससे दोनों लोग आयकर छूट का लाभ ले रहे हैं। वित्त एवं लेखाधिकारी जान्हवी मोहन ने इस पर नाराजगी जताते हुए खंड शिक्षा अधिकारी काकोरी से स्पष्टीकरण तलब किया है। कहा है कि बीईओ कार्यालय में आयकर प्रपत्र की जांच को लेकर खानापूर्ति की गई है। ऐसा किन परिस्थितियों में हुआ, इसे स्पष्ट किया जाए।और भी हो सकते हैं मामले : इनकम टैक्स की छूट लेने के लिए एक ही रसीद का सहारा लेने का यह एक मामला बानगी भर है। सूत्रों की माने तो इनकम टैक्स प्रपत्रों की सही तरीके से जांच किए जाने पर कई और मामले भी सामने आने की उम्मीद है।
एक ही फीस रसीद व एलआईसी बीमा रसीद पर आयकर छूट लेने के मामले में लेखाधिकारी ने दोनों शिक्षकों अजय सिंह व चंद्रकला मौर्य से भी स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा है कि इस तरह का कृत्य कर्मचारी आचरण के ठीक विपरीत है। इस कृत्य से राजस्व की क्षति होने की पूरी संभावना है। इसलिए स्पष्ट करें कि क्यों न आप लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति नियुक्ति प्राधिकारी से कर दी जाए।
लेखाधिकारी जान्हवी मोहन ने आयकर प्रपत्रों के परीक्षण में हो रही लापरवाही पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि माल, काकोरी, बीकेटी एवं महिलाबाद से प्राप्त आयकर प्रपत्रों पर वहां के बीईओ के हस्ताक्षर तक नहीं किए गए हैं। इसके अलावा अतिरिक्त अन्य विकास खंडों से आयकर आगणन प्रपत्र अब तक नहीं भेजे गए। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर स्पष्ट कर दिया है कि होली का त्योहार निकट है। ऐसे में यदि वेतन का भुगतान होने के पहले नहीं होता है तो शिक्षक आक्रोशित हो सकते हैं। इसलिए आयकर आगणन प्रपत्रों पर अपने हस्ताक्षर कर जल्द से जल्द कार्यालय को भेजे जाएं।

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