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वित्त सचिव ने पुरानी पेंशन की बहाली से किया साफ़ इंकार, पंजीकरण के बाद भी नयी पेंशन प्रणाली के एक लाख खातों में धेला नहीं, बेसिक शिक्षा विभाग सबसे फिसड्डी

लखनऊ : प्रदेश में नयी पेंशन प्रणाली को अंगीकार किये जाने के 11 साल बाद भी अभी दो लाख से अधिक कर्मचारी इसका हिस्सा नहीं बन सके हैं। यही नहीं, एक लाख कर्मचारियों ने तो योजना के लिए पंजीकरण भी करा लिया किंतु उनके खाते में धेला भी नहीं गया।
शुक्रवार को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) पर आयोजित राज्य स्तरीय संगोष्ठी में इस पर चिंता जताने के साथ प्रमुख सचिव (वित्त) राहुल भटनागर ने जिला स्तर तक अभियान चलाकर जिम्मेदारी तय करने को कहा।
लखनऊ के इंदिरा नगर स्थित वित्तीय प्रबंध प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान सभागार में आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि कई विभागों के कर्मचारियों के तो खाते तक न खुलना अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें विलंब हुआ तो स्थितियां गंभीर हो जाएंगी। हमें सुनिश्चित करना होगा कि कोई खाली हाथ रिटायर न हो। इसके लिए जिला स्तर तक कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए, जिनमें शिक्षा विभाग को विशेष रूप से शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि पेंशन योजना से न जोड़ने की स्थिति में जवाबदेही तय की जाएगी और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तक की सिफारिश की जाएगी। जल्द ही सभी कर्मचारियों को पेंशन के दायरे में लाने के लिए लक्ष्यावधि का निर्धारण किया जाएगा।
पुरानी पेंशन की बहाली नहीं :
वित्त सचिव अजय अग्रवाल ने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें भी आ गयी हैं। अब यह तय हो गया है कि पुरानी पेंशन की बहाली का कोई प्रस्ताव नहीं है।
बेसिक शिक्षा विभाग फिसड्डी :
पेंशन निदेशालय के संयुक्त निदेशक धीरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार के 3.72 लाख कर्मचारियों में से अब तक महज 2.72 लाख कर्मचारी ही इसके दायरे में आ सके हैं। इस तरह एक लाख राज्य कर्मचारी ही अभी पेंशन योजना से जोड़े जाने हैं।
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