बीएसए कार्यालय में अब शिक्षक और अन्य बाहरी लोग सीधे
पटल सहायकों से नहीं मिल सकेंगे। इसके लिए उन्हें पहले बीएसए को लिखित रूप
से अवगत कराना होगा। बीएसए के मुताबिक उनका इसके पीछे मकसद हर छोटी-छोटी
बात कर स्कूल के समय पर भी शिक्षकों की कार्यालय में लगने वाली भीड़ को
रोकना है।
शिक्षक नेताओं द्वारा बीएसए कार्यालय में अवैध
वसूली होने की शिकायत शिक्षक नेताओं ने डीएम से की थी। शिकायत के बाद डीएम
ने एडीएम को जांच के निर्देश दिए थे। एडीएम अजयकांत सैनी ने बुधवार को
बीएसए कार्यालय के दो लिपिकों के कार्यालयों में छापेमारी कर तलाशी ली थी।
बीएसए कार्यालय की छवि धूमिल होती देख बीएसए ने अब सख्ती बरतते हुए
शिक्षकों और बाहरी लोगों द्वारा सीधे पटल सहायकों से मिलने पर पाबंदी लगा
दी है।
बीएसए अंबरीष कुमार यादव ने जारी आदेश में कहा कि यदि किसी शिक्षक व बाहरी व्यक्ति विभागीय कार्य से संपर्क करना चाहता है तो वह सीधे कर्मचारी/पटल सहायकों से संपर्क न करें। इसके लिए वह पहले बीएसए को लिखित रूप में अवगत कराएं। उन्होंने सभी शिक्षकों और शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को बीएसए कार्यालय आने से पूर्व अपने खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की पहले अनुमति लेने और उसके बाद कार्यालय गेट पर उपलब्ध आगंतुक पंजिका पर विवरण अंकित कर कार्यालय में प्रवेश करने के निर्देेश दिए हैं। इसको लेकर बीएसए ने सभी पटल सहायकों को भी निर्देशित किया है।
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