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तमिलनाडु टेट आरक्षण मामला: राज्य सरकार की नीति की जीत, 72825 भर्ती एकेडेमिक प्लस टेट क्वालिटी मार्क्स पर आधारित ही होगी

सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच से निर्णीत फैसला अभी दो दिन पूर्व जारी हुआ। 9 नवम्बर को हुए फैसले के मुख्य बिंदु वैसे तो टेट में आरक्षित वर्ग को पासिंग मार्क्स में छूट 5% छूट को लेकर था जिसमे तमिलनाडु सरकार ने टेट पास लोगों की कम संख्या को देखते हुए नियुक्ति प्रक्रिया के बीच में खेल बदल दिया था।
ठीक उसी तरह जैसे यूपी सरकार ने एकेडेमिक भर्ती को सरकार बदलते ही टेट भर्ती में बदल दिया था।
ये मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो राज्य का नीतिगत फैसला मानते हुए जनहित में इसे सही करार दिया। और कहा कि जनहित में होने के कारण उचित है।
मज़े की बात ये है कि तमिलनाडु में ये भर्ती एकेडेमिक प्लस टेट ग्रेडिंग क्वालिटी मार्क्स पर आधारित थी। जबकि यूपी 72825 टेट मेरिट पर आधारित खुद सुप्रीम कोर्ट द्वारा करवाई गई है। *यहाँ मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप के रबी बहार, केसी सोनकर, माधव गंगवार और साथियों का विश्लेषण सटीक सिद्ध होता है कि ये 72825 भर्ती एकेडेमिक प्लस टेट क्वालिटी मार्क्स पर आधारित ही होगी।* तमिलनाडु के इस केस में राजिस्थान टेट आरक्षण केस को आधार बनाया गया है।
*इस आधार पर ये कहा जा सकता है कि अब बारी 72825 की है, आने वाली 17 नवम्बर को इस केस में कोई अंतिम आदेश होने की प्रबल संभावना है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा टेट मामले को लेकर अक्टूबर व नवम्बर में दो केस निर्णीत किये जा चुके हैं।*
इसी के साथ बीएड बेरोज़गारों की शिक्षामित्र समायोजन के खिलाफ पड़ी याचिकाएं आखरी साँस लेंगी।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।।
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