निलंबन के बाद बदली जाँच टीम, महिला सहकर्मियों के शोषण और उत्पीड़न को लेकर हाईकोर्ट के सख्त रुख

महिला सहकर्मियों के शोषण और उत्पीड़न को लेकर हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद शासन ने इलाहाबाद के पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार यादव को निलंबित करने के बाद
जांच टीम में भी बदलाव कर दिया है।
अब अपर शिक्षा निदेशक सुक्ता सिंह की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम मामले की पड़ताल करेगी। पूर्व डीआइओएस को शासन ने लखनऊ से हटाकर कुशीनगर जिले से संबद्ध किया गया है।1राजकुमार यादव इलाहाबाद के बीएसए थे। अपने रसूख के चलते बाद में उन्होंने इलाहाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक पद पर तैनाती हासिल कर ली। इलाहाबाद में बीएसए रहते यादव पर महिला सहकर्मियों के शोषण व उत्पीड़न के आरोप लगे थे। यह मामला पिछले दिनों हाईकोर्ट पहुंचा था।
 मामला तूल पकड़ने पर यादव को इलाहाबाद के डीआइओएस पद से हटाकर लखनऊ स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक शिविर कार्यालय से संबद्ध कर दिया था। हाईकोर्ट इस कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि यादव को लखनऊ में संबद्ध करने से जांच सही नहीं हो सकेगी और महिला सहकर्मियों के शोषण को लेकर बने कानून का उद्देश्य विफल हो जाएगा। कोर्ट ने पूछा कि डीआइओएस को निलंबित क्यों नहीं किया गया और एफआइआर क्यों दर्ज नहीं की गई। कोर्ट ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार को सात नवंबर को इस मामले में तलब किया है। 1शासन ने यादव को इलाहाबाद से हटाए जाने के समय इस मामले की जांच बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा को सौंपी थी। अब प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा ने अपर शिक्षा निदेशक सुक्ता सिंह को जांच अधिकारी बनाया है। वह राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का कार्य देख रही हैं और लखनऊ शिविर कार्यालय में तैनात हैं। जांच टीम में अपर शिक्षा निदेशक नीना श्रीवास्तव, शिक्षा निदेशालय में उप शिक्षा निदेशक अनिल कुमार चतुर्वेदी एवं उप शिक्षा निदेशक गायत्री को भी शामिल किया है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक रमेश ने बताया कि प्रमुख सचिव ने निष्पक्ष जांच करके जल्द रिपोर्ट सौंपे जाने का आदेश दिया है। साथ ही यादव का लखनऊ शिविर कार्यालय से संबद्धीकरण भी खत्म करके अब उन्हें कुशीनगर जिले में संबद्ध किया गया है।
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