सीएम अखिलेश ने 17 पिछड़ी जातियों को एससी दर्जा, ये अब एससी

लखनऊ : इस फैसले में भले ढेरों पेंच हों, मगर चुनावी ड्योढ़ी पर खड़ी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का निर्णय लिया है। यह केन्द्र को भेजा जाएगा।
कैबिनेट ने 17 पिछड़ी जातियों के अनुसूचित जाति की सूची में परिभाषित करके अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से फैसला लिया है। 1मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में यूं तो 74 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई लेकिन, 17 अति पिछड़ी जातियों को एससी का दर्जा देने का फैसला महत्वपूर्ण है। इस निर्णय को लेकर भले तकनीकी पेंच तलाशे जा रहे हों पर समाजवादी सरकार ने इन जातियों की तकरीबन साढ़े 13 प्रतिशत आबादी को पाले में करने का चुनावी दांव चल दिया है। ये 17 जातियां मूलरूप से केवल पांच जातियां हैं। इनका खानपान, रहन-सहन एक जैसा है। इनकी आर्थिक स्थिति भी दयनीय है। विधि विशेषज्ञों व महाधिवक्ता के अनुसार इन
जातियों को अनुसूचित जाति के रूप में ‘परिभाषित’ करके व कार्मिक की अधिसूचना में एक बिन्दु जोड़ एससी को उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधा दी जा सकती है।

ये अब एससी : निषाद, मल्लाह, केवट, मांझी, मछुआ, बिन्द, बाथम, धीवर, धीमर, कहार, कश्यप, गोड़िया, तुराहा, रैकवार, कुम्हार, प्रजापति, भर व राजभर।

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