देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए...शिक्षामित्र मिशन सुप्रीम कोर्ट की कलम से

बात उन दिनों की है जब प्राथमिक शिक्षा केअभिवृद्धि एवं व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु विश्वबैंक समर्थित बेसिक शिक्षा परियोजना. वर्ष 1993 से स्वीकृत एवं क्रियानिवत की गयी, और इसका विस्तार 2001 में सर्वशिक्षा अभियान के रूप में हुआ।
अभी ये परियोजना ठीक से संचालित ही हो पाई थी कि 2002 में इसे क़ानूनी रूप दे दिया गया। तात्पर्य ये कि 86वां संविधान संशोधन कर के राज्य को ज़िम्मेदार बना दिया गया। और इसी के साथ *2001 में केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को ये निर्देश दिया कि वे 1:40 के छात्र शिक्षक अनुपात बनाने के लिए शिक्षक नियुक्त करें।*
शिक्षक नियुक्त करने का फार्मूला भी केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को बताया गया। *इसी केंद्रीय फॉर्मूले को लागू करते हुए सभी राज्य सरकारों ने बड़ी संख्या में शिक्षक नियुक्त कर दिए, ये शिक्षक आज यूपी में शिक्षामित्रों के नाम से जाने जाते हैं।*
सिलसिला और आगे बढ़ा और वर्ष 2010 में 86वे संविधान संशोधन को विस्तार देते हुए आरटीई एक्ट 2009 बनाया गया। इसी की परिणीति के रूप में शिक्षामित्र समायोजित शिक्षक के रूप शिक्षक बना दिए गए।
*मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप शिक्षामित्रों को शिक्षक सिद्ध करवाने हेतु सुप्रीम कोर्ट में क़ानूनी जंग लड़ रहा है। और जीत के प्रति आश्वस्त है।*
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।।

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