जूनियर भर्ती का निर्णय पर क्या कहते हैं एस के पाठक...

जूनियर का निर्णय आने के बाद सबसे ज्यादा समस्या उन्हें ही हो रही है जो फैसला पढ़ने के बाद कमरा बंद करके तालियां बजा रहे थे और जिनके चेहरों पर फैसले से चमक बिखरी थी वास्तव में संघर्ष करने वाले तो
हमेशा सम और संत भाव में रहते हैं ।कारणों की विवेचना आप पर ही छोड़ रहा हूँ ।
लीगल सर्जिकल स्ट्राइक होनी थी सो हो गयी । मैंने कुछ दिन पहले लखनऊ आंदोलन में बोलते समय इसका संकेत भी दे दिया था की हमारे 60000 योग्य लोग सड़कों पर हैं तो कुछ न कुछ तो उलट फेर जरूर होगा ठीक उसी तरह जिस तरह सितम्बर 2015 में हुया था ।यह साल 2016 व्यर्थ नहीं जाएगा ।
और जो लोग सर्वाधिक विलाप कर रहें हैं उनको संकेत मिल गया था कि एस के पाठक बोल रहा है तो कुछ न कुछ होगा जरूर । उनकी बेचैनी मैं समझ सकता हूँ .....
इसमें कोई संदेह नहीं है कि ....
आजकल या परसों या फिर युगों युगों बाद जीत सत्य की होगी ।
जो सत्य होगा वह खुद ही देश की सबसे बड़ी अदालत से छन कर ऊपर आ जाएगा ।
लेकिन इतना तो तय है कि इस फैसले ने हर बेरोजगार साथी एक नया सम्बल दिया है कि सच आखिर सच ही होता है ।
और आपके देश की सबसे बड़ी अदालत एक बार फिर देखेगी की उनके अंतरिम आदेशों की धज्जियां उत्तरप्रदेश में कैसे उड़ाई गयी हैं ।
खैर इस मुद्दे का विस्तार अगली पोष्ट में जारी रखूंगा और आप सभी को सादर अवगत कराना है कि jrt के सन्दर्भ में कल एक मीटिंग मारुति मंदिर जौनपुर तथा झांसी में रविवार दिनांक 18 /12/2016 को रानी लक्ष्मी बाई पार्क में सुनिश्चित है ।
आप सभी के आशीर्वाद एवं सहयोग का आकांक्षी
आपका
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