अभ्यर्थियों के साथ अनियमितताएं भी अपार, सिपाही भर्ती के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को सारी हदें पार कीं

इलाहाबाद : कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाओं में लगातार प्रतियोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। कुछ परीक्षाओं में प्रतियोगियों की तादाद ने रिकॉर्ड बना दिए हैं।
इसका स्याह पक्ष यह है कि यही युवा परिणाम जारी होने के बाद अपना धैर्य खो रहे हैं। आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने धरना एवं घेराव प्रदर्शन आम बात हो गई है। तमाम दावों के बाद भी उस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। 1आयोग के इलाहाबाद स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के सामने केंद्रीय बलों की सिपाही भर्ती के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को सारी हदें पार कर दी।
गुस्साये युवाओं ने कर्मचारियों को बंधक तक बना लिया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि शहर का लाउदर रोड अक्सर जाम हो जाता है और युवाओं का हंगामा कई दिनों तक चलता है। यहां हंगामे के हालात तभी बनते हैं, जब किसी परीक्षा का परिणाम आता है, अन्यथा सन्नाटा पसरा रहता है। ऐसा भी नहीं है कि आंदोलन करने वाले युवाओं के साथ हर बार नाइंसाफी हुई हो, कई बार रिजल्ट सही होने पर भी चयन न होने के अवसाद में प्रदर्शन होता है, लेकिन इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आखिर एसएससी के परिणामों पर ही अक्सर अंगुली क्यों उठती है? यहां के अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम पर इस तरह का गुस्सा सड़कों पर नहीं दिखता। छिटपुट प्रकरण जरूर सामने आते रहते हैं। हर सूचना पारदर्शी ढंग से वेबसाइट के जरिए देने के बाद भी एसएससी प्रबंधन युवाओं को संतुष्ट करने में सफल नहीं हो रहा है। इधर तो एसएससी की परीक्षाओं से ही बवाल होना शुरू हो रहा है। पिछले दिनों परीक्षाओं की तैयारियां दुरुस्त नहीं थी तो कई परीक्षा केंद्रों पर नियमों ने भी युवाओं को आक्रोशित किया। यही नहीं पिछले वर्षो तक पेपर आउट एवं सामूहिक नकल आदि की भी तमाम घटनाएं सामने आती रही हैं। मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक राहुल सचान का कहना है कि एसएससी में सब कुछ आइने की तरह साफ है, फिर भी कोई सवाल उठा रहा है तो इसमें आयोग आखिर क्या कर सकता है।
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