Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

शिक्षा पर बने ठोस नीति, शिक्षा पर राजनीति होनी चाहिए बंद

इलाहाबाद : सूबे की शिक्षा नगरी यानी प्रयाग की भूमि से ‘देश में समान शिक्षा व्यवस्था’ की मांग उठी है। शिक्षक व शिक्षाविदों के साथ ही समाज के हर तबके का राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) में ‘संगम’ हुआ। सभी ने एक स्वर से कहा कि शिक्षा पर राजनीति बंद होनी चाहिए और सभी दलों को मिलकर एक शिक्षा नीति का निर्धारण करना चाहिए।
शैक्षिक गोष्ठी में पूर्व मंत्री डा. नरेंद्र सिंह गौर ने कहा कि आज की शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए दृढ़संकल्प व आत्म चिंतन की जरूरत है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के सुधार की बात कही और सरकारी कार्यक्रमों को विद्यालय स्तर पर लागू करने पर बल दिया। क्रिया योग संस्थान की निदेशक स्वामी राधा सत्यम और भाजपा की पूर्व विधायक सीमा द्विवेदी ने बालिकाओं की शिक्षा उनका विद्यालय में पंजीकरण कराकर पूर्ण रूप से साक्षर से शिक्षित करने की जरूरत है। शिक्षाविद् डा. आरपी वर्मा ने कहा कि गुणवत्ता परक शिक्षा विद्यालयों में उपलब्ध कराना आज शिक्षक व समाज के बीच चुनौती है। अपना दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेंद्र प्रताप सिंह व पतंजलि ग्रुप ऑफ स्कूल के निदेशक मधुकर गुणो ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत निश्शुल्क व अनिवार्य शिक्षा को कड़ाई से लागू किये जाने की जरूरत है। संयोजक डा. शैलेश कुमार पांडेय, एएनआइ के प्रभारी वीरेंद्र पाठक ने विचार व्यक्त किए। इंद्रदेव पांडेय, मोनिका दत्त, शुभ्रा वाशिंगटन, अंजू चतुर्वेदी, अंजना सिंह सेंगर, शशिकांत मिश्र, डा. नंदिनी तिवारी, अल्पना डे, सुभाष, डा. अनूप आदि रहे।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates

Random Posts