इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग ने केवल पीसीएस 2014 की उत्तरपुस्तिकाएं ही नष्ट नहीं कराई हैं, बल्कि अन्य कई अहम परीक्षाओं की कॉपियां भी नष्ट हो चुकी हैं। यह तथ्य उजागर होने से हैं। उनका कहना है कि गलत चयन का मूल आधार उनकी कॉपियां ही थी, वह नष्ट हो चुकी हैं।
अब जांच होने पर गड़बड़ी के निशान कैसे मिलेंगे। प्रदेश सरकार को आयोग की जांच का एलान करने में अब देरी नहीं करनी चाहिए।
आयोग की सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा यानी पीसीएस परीक्षा 2014 की उत्तरपुस्तिका देखने के लिए हिमांशु सिंह ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन किया था। 25 मई को भेजे पत्र पर आयोग ने नौ जून को उसे जवाब भेजा। जनसूचना अधिकारी सत्यप्रकाश ने लिखा कि तय समय सीमा तक संरक्षित किये जाने के बाद 2014 परीक्षा की उत्तर पुस्तिका विनष्ट की जा चुकी है। अब उसका अवलोकन कराया जाना संभव नहीं है। इस खुलासे के बाद से प्रतियोगियों में हड़कंप मचा है। असल में कॉपियां नष्ट करने का प्रकरण कोर्ट में लंबित है इसलिए प्रतियोगी मान रहे थे कि आयोग अब उत्तरपुस्तिकाएं नष्ट नहीं करेगा। प्रतियोगी मोर्चा के अवनीश पांडेय ने बताया कि आयोग ने पीसीएस 2011, 2012, 2013 व 2014, लोअर सबार्डिनेट 2008, 2009, 2013, 2015, आरओ-एआरओ व पीसीएस जे 2011, 2013, 2015 के साथ ही एपीओ की दो परीक्षाओं की कॉपियां नष्ट करा चुका है। 1इससे वह अभ्यर्थी निराश हैं जो आयोग की जांच होने पर नौकरी मिलने की उम्मीद संजोये थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही आयोग की जांच का एलान करें अन्यथा आयोग में साफ्टवेयर तक प्रभावित हो सकता है।
उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा है, लेकिन वहां से उन्हें केवल शिकायत नंबर मिला है इससे प्रतियोगी नाराज हैं। उधर, आयोग का कहना है कि कॉपियां तय समय पूरा होने के बाद विनष्ट की गई हैं, बाकी आरोप सही नहीं है। एक-एक रिकॉर्ड सही से संजोकर रखा गया है।’>>आरओ/एआरओ, एपीओ, लोअर सबार्डिनेट व पीसीएस जे शामिल 1’>>चयन का मूल आधार नष्ट होने से आयोग की जांच होगी प्रभावित
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अब जांच होने पर गड़बड़ी के निशान कैसे मिलेंगे। प्रदेश सरकार को आयोग की जांच का एलान करने में अब देरी नहीं करनी चाहिए।
आयोग की सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा यानी पीसीएस परीक्षा 2014 की उत्तरपुस्तिका देखने के लिए हिमांशु सिंह ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन किया था। 25 मई को भेजे पत्र पर आयोग ने नौ जून को उसे जवाब भेजा। जनसूचना अधिकारी सत्यप्रकाश ने लिखा कि तय समय सीमा तक संरक्षित किये जाने के बाद 2014 परीक्षा की उत्तर पुस्तिका विनष्ट की जा चुकी है। अब उसका अवलोकन कराया जाना संभव नहीं है। इस खुलासे के बाद से प्रतियोगियों में हड़कंप मचा है। असल में कॉपियां नष्ट करने का प्रकरण कोर्ट में लंबित है इसलिए प्रतियोगी मान रहे थे कि आयोग अब उत्तरपुस्तिकाएं नष्ट नहीं करेगा। प्रतियोगी मोर्चा के अवनीश पांडेय ने बताया कि आयोग ने पीसीएस 2011, 2012, 2013 व 2014, लोअर सबार्डिनेट 2008, 2009, 2013, 2015, आरओ-एआरओ व पीसीएस जे 2011, 2013, 2015 के साथ ही एपीओ की दो परीक्षाओं की कॉपियां नष्ट करा चुका है। 1इससे वह अभ्यर्थी निराश हैं जो आयोग की जांच होने पर नौकरी मिलने की उम्मीद संजोये थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही आयोग की जांच का एलान करें अन्यथा आयोग में साफ्टवेयर तक प्रभावित हो सकता है।
उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा है, लेकिन वहां से उन्हें केवल शिकायत नंबर मिला है इससे प्रतियोगी नाराज हैं। उधर, आयोग का कहना है कि कॉपियां तय समय पूरा होने के बाद विनष्ट की गई हैं, बाकी आरोप सही नहीं है। एक-एक रिकॉर्ड सही से संजोकर रखा गया है।’>>आरओ/एआरओ, एपीओ, लोअर सबार्डिनेट व पीसीएस जे शामिल 1’>>चयन का मूल आधार नष्ट होने से आयोग की जांच होगी प्रभावित
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