Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

UPSC: फिर से सिविल सेवा में जगह बनाने लगे हिंदी भाषी युवा, सिविल सेवा में समान स्तर के लिए अब परीक्षा प्रणाली में कई और सुधार की जरूरत

संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा में फिर से हंिदूी भाषी युवा अपना स्थान बनाने लगे हैं। 2013 में जहां टॉप 100 में एक भी हंिदूी माध्यम वाले परीक्षार्थी जगह बनाने में सफल नहीं हुए थे, वहीं इस साल आठ हंिदूी माध्यम वाले हैं।
यह यूपीएससी की परीक्षा प्रणाली में आए सुधार के कारण संभव हुआ है। इसके लिए 2014 में हंिदूी भाषी राज्यों में बड़ा आंदोलन उठ खड़ा हुआ था। वैसे विशेषज्ञों का मानना है कि सिविल सेवा में हंिदूी माध्यम के युवाओं के समान स्तर पाने के लिए अब परीक्षा प्रणाली में कई और सुधार की जरूरत है। 1दरअसल यूपीएससी ने 2011 में सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में सी-सैट का नाम का प्रश्नपत्र लागू किया था और 2013 की परीक्षा इसी के आधार पर आयोजित की गई थी। इस प्रश्नपत्र में अधिकतर सवाल अंग्रेजी और गणित के होते थे। अंग्रेजी के सवालों के हंिदूी अनुवाद भी इतना खराब होता था कि उसका सवाल का अर्थ ही बदल जाता था। इनमें एक जगह ‘स्टील प्लांट’ का अनुवाद ‘इस्पात का पौधा’ कर दिया गया था। इससे हंिदूी माध्यम से परीक्षा देने वाले अधिकांश युवा प्रारंभिक परीक्षा में बाहर हो गए। हालत यह हो गई कि 2013 की सिविल सेवा परीक्षा में 1169 सफल अभ्यर्थियों में से हंिदूी माध्यम के केवल 22 ही चयनित हो पाए थे। उनमें भी टॉप 100 में एक भी हंिदूी माध्यम का नहीं था। जबकि इसके ठीक पहले 2012 में लगभग इतने ही रिजल्ट में 82 हंिदूी माध्यम के युवा सफल हुए थे और 15 तो टॉप 100 में स्थान बनाने में सफल रहे थे।1हंिदूी माध्यम के परीक्षार्थियों के खिलाफ यूपीएससी के सौतेला व्यवहार के खिलाफ 2014 में बड़ा आंदोलन हुआ था। इसका परिणाम यह हुआ कि यूपीएससी को परीक्षा प्रणाली में बदलाव करना पड़ा। हंिदूी माध्यम के युवाओं की मुख्य बाधा सी-सैट को सिर्फ उत्तीर्ण करना अनिवार्य बना दिया गया। यानी उसके अंक सूची में शामिल नहीं किये गए। इसके बाद परिणाम भी दिखा 2014 में कुल हंिदूी भाषी सफल अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 30 हो गई और एक अभ्यर्थी टॉप 100 में स्थान बनाने में सफल रहा। इसी तरह 2015 में भी एक ही अभ्यर्थी टॉप 100 में आया। लेकिन बड़ी इस साल दिखी। पिछले दिनों जारी कुल 1099 सफल अभ्यर्थियों की सूची में हंिदूी में परीक्षा देने वालों की संख्या बढ़कर 55 हो गई और इसमें आठ अभ्यर्थी टॉप 100 में जगह बनाने में सफल रहे। लेकिन सिविल सेवा की राह हंिदूी माध्यम वाले युवाओं के लिए अब भी आसान नहीं है। हंिदूी युवाओं के लिए यूपीएससी की तैयारी कराने वाले निर्माण आइएएस के प्रमुख कमलदेव सिंह के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा की बाधा तो अभी दूर हो गई है, लेकिन मुख्य परीक्षा में हंिदूी माध्यम वाले परीक्षार्थियों की चुनौती बरकरार है। उनके अनुसार मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्र मूलत अंग्रेजी में तैयार होते हैं और उनका हंिदूी में अनुवाद इतना खराब होता है कि प्रश्न का मूल भाव ही बदल जाता है। इसके साथ ही उन्होंने हंिदूी माध्यम वाले छात्रों की कॉपी जांच में पारदर्शिता के अभाव का भी सवाल उठाया।’>>इस साल हंिदूी माध्यम के 57 युवा हुए चयनित, आठ टॉप 100 में भी1’>>सी-सैट के लागू होने के बाद हंिदूी माध्यम के युवा प्रारंभिक परीक्षा में ही हो जाते थे बाहर 1’>>सिविल सेवा में समान स्तर के लिए अब परीक्षा प्रणाली में कई और सुधार की जरूरत

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates