नई दिल्ली, प्रेट्र : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज दीपक मिश्र को मंगलवार को देश का अगला मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) नियुक्त कर दिया गया। वह मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की जगह लेंगे।
जस्टिस दीपक मिश्र (63) देश के 45वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। देश के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वह ओडिशा के तीसरे न्यायमूर्ति होंगे। उनसे पहले ओडिशा से संबंध रखने वाले जस्टिस रंगनाथ मिश्र और जीबी पटनायक भी इस पद को संभाल चुके हैं। जस्टिस मिश्र पटना और दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। जस्टिस दीपक मिश्र के नाम कई ऐतिहासिक फैसले हैं। इनमें याकूब मेमन मामले की रात भर पर सुनवाई के बाद फांसी की सजा बरकरार रखना और निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा सुनाना शामिल है। इसके अलावा उन्होंने ही देश भर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान चलाने के आदेश दिए थे। मालूम हो, 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी की सजा बरकरार रखने के बाद जस्टिस दीपक मिश्र को एक धमकी भरा पत्र मिला था। पत्र में लाल स्याही से लिखा हुआ था, ‘हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे।’ 1कौन हैं जस्टिस दीपक मिश्र: जस्टिस दीपक मिश्र का जन्म तीन अक्टूबर, 1953 को हुआ था। वह ओडिशा हाई कोर्ट में एडिशनल जज रहे। तीन मार्च, 1997 को वह मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज बने। 23 दिसंबर, 2009 में उन्होंने पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला। 24 मई, 2010 को उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने 5,000 से ज्यादा मामलों में फैसला सुनाया और लोक अदालतों को अधिक प्रभावशाली बनाने का काम किया। उन्हें 10 अक्टूबर, 2011 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नति दी गई। 28 को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी संभालेंगे।
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जस्टिस दीपक मिश्र (63) देश के 45वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। देश के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वह ओडिशा के तीसरे न्यायमूर्ति होंगे। उनसे पहले ओडिशा से संबंध रखने वाले जस्टिस रंगनाथ मिश्र और जीबी पटनायक भी इस पद को संभाल चुके हैं। जस्टिस मिश्र पटना और दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। जस्टिस दीपक मिश्र के नाम कई ऐतिहासिक फैसले हैं। इनमें याकूब मेमन मामले की रात भर पर सुनवाई के बाद फांसी की सजा बरकरार रखना और निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा सुनाना शामिल है। इसके अलावा उन्होंने ही देश भर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान चलाने के आदेश दिए थे। मालूम हो, 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी की सजा बरकरार रखने के बाद जस्टिस दीपक मिश्र को एक धमकी भरा पत्र मिला था। पत्र में लाल स्याही से लिखा हुआ था, ‘हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे।’ 1कौन हैं जस्टिस दीपक मिश्र: जस्टिस दीपक मिश्र का जन्म तीन अक्टूबर, 1953 को हुआ था। वह ओडिशा हाई कोर्ट में एडिशनल जज रहे। तीन मार्च, 1997 को वह मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज बने। 23 दिसंबर, 2009 में उन्होंने पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला। 24 मई, 2010 को उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने 5,000 से ज्यादा मामलों में फैसला सुनाया और लोक अदालतों को अधिक प्रभावशाली बनाने का काम किया। उन्हें 10 अक्टूबर, 2011 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नति दी गई। 28 को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी संभालेंगे।
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