Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

योगी सरकार के गले की फांस बने शिक्षामित्र !! मानदेय बढ़ाने पर अन्य विभागों के संविदाकर्मी भी कर सकते है मांग

1 लाख 70 हजार शिक्षामित्र प्रदेश की भाजपा सरकार के गले की फांस बन गये हैं। प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों और समायोजित शिक्षामित्रों को 15 हजार से अधिक मानदेय देती है तथा करीब 15 लाख ऐसे अन्य विभाग के संविदाकर्मी भी हैं जो अपना मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर सड़क पर उतरने को तैयार हैं।
उधर बड़ी संख्या में आंगनबाडी कार्यकत्रियों का आंदोलन लखनऊ में लंबे समय से मानदेय बढ़ाने के लिए चल रहा है।ऐसे में प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों के हित के लिए जो भी कदम उठायेगी उसके लिए कई बार उसको सोचना पड़ेगा जिससे कि उसकी किरकिरी न हो।

प्रदेश सरकार के दो दर्जन से अधिक ऐसे विभाग हैं जहां पर पांच लाख से अधिक संविदा कर्मी लंबे समय से कर रहे हैं। इनमें आंगनबाड़ी, जूनियर हाईस्कूल में अनुदेशक, पावर कारपोरेशन, परिवहन निगम, होमगार्ड, सफाई कर्मचारी, स्वास्यकर्मी, नगर निगम में सफाईकर्मी सहित कई विभागों के कर्मचारी हैं, जिन्हें प्रति माह केवल तीन हजार से 10 हजार तक मानदेय मिलता है। वह भी मात्र 11 माह तक।
ऐसे में एक माह का मानदेय नहीं मिलता है।

 प्रदेश की पूर्व सपा सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय साढ़े तीन हजार रुपये से अधिक बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था लेकिन केन्द्र सरकार ने बजट न होने की बात करते हुए मानदेय बढ़ाने से इनकार कर दिया था।

 प्रदेश की पूर्व सपा सरकार ने करीब एक लाख 40 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कर दिया था।इनको वेतन के रूप में सातवें वेतन आयोग के तहत 38 हजार रुपये प्रति माह सहित अन्य सुविधाएं मिल रही थीं।सुप्रीम कोर्टद्वारा हटाये जाने के बाद शिक्षामित्रों ने पांच दिन तक प्रदेश में आंदोलन करके पहले की तरह वेतनमान की मांग किया है।यह प्रदेश की भाजपा सरकार के गले की फांस बन गयी है। अभी तो मुख्यमंत्री ने 15 दिन तक रास्ता निकालने की बात कही है। अगर इस दौरान प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय अन्य संविदाकर्मियों से अधिक करती है तो उनका आंदोलन करना तय है। इससे प्रदेश सरकार की किरकिरी होगी।

उधर राज्य संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्याम सूरत पाण्डेय का कहना है कि सभी संविदाकर्मियों का मानदेय एक होना चाहिए।किसी को स्थायी किया जाना और किसी को 3500 रुपये मानदेय देना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि सभी को समान मानदेय दे जिससे कि कर्मचारियों के बीच में सामंजस्य बना रहे।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates